मंदिर के पट खुले, अब 1978 के दंगों की फाइलें भी खुलेंगी
यूपी के संभल जिले की चर्चा पूरे देश में हो रही है। यूपी की विधानसभा से लेकर देश की संसद तक इस शहर का नाम गूंज रहा है। बात शुरू हुई थी जामा मस्जिद के असल में हरिहर मंदिर होने के दावे से और अब 46 साल पहले हुए दंगों तक पहुंच चुकी है।
14 दिसंबर को संभल में अतिक्रमण के बीच एक ऐसा मंदिर मिला था जो 46 साल से बंद था। मंदिर से अतिक्रमण हटाकर, इसके दरवाजे खोल दिए गए हैं और अब फाइलें भी खोली जा रही हैं जिनमें इस मंदिर के बंद होने के कारण दर्ज हैं। यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जब 1978 में संभल में हुए दंगों का जिक्र किया, उसके बाद ही ये तय हो गया कि इन दंगों की जांच दोबारा होगी। कमिश्नर आंजनेय कुमार ने 9 मार्च 1978 को हुए इन दंगों के सारे रिकॉर्ड मांगे हैं। अधिकारी इनकी खोज में जुट गए हैं। जानकार बताते हैं कि इन दंगों को लेकर करीब 169 मुकदमे दर्ज हुए थे।
संभल में 16 बार भड़क चुकी दंगों की आग
आपको बता दें कि आजादी के बाद संभल में 16 बार दंगों की आग भड़क चुकी है और 1978 में तो पूरा शहर जला था। बात यहां तक पहुंच गई कि हिन्दू बाहुल्य इलाकों से लोग औने पौने दामों पर अपने घर बेचकर चले गए थे। दो महीने यहां कर्फ्यू लगा रहा था। विधानसभा में इन दंगों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1947 से लेकर अभी तक संभल में 209 हिंदुओं की जान दंगों के चलते गई है। 29 मार्च 1978 को दंगे के दौरान हुई आगजनी में कई हिंदू मारे गए। 40 रस्तोगी परिवार अपने घर छोड़कर चले गए, जिनके पलायन के गवाह आज भी मौजूद हैं। घटना के 46 साल बाद भी अब तक किसी को सजा नहीं मिली।
समीक्षा के बाद होगी आगे की कार्रवाई
सीएम के मुद्दे पर बोलने के बाद अब कमिश्नर का कहना है कि इस बारे में किस स्तर पर चूक हुई है, यह जानने के लिए दंगे से जुड़ी फाइलें मंगाई गई हैं। फाइलें देखने के बाद सभी बिंदुओं पर समीक्षा करके आगे की कार्रवाई होगी। आपको बता दें कि संभल में प्रशासन को बिजली चोरी पर कार्रवाई के दौरान अतिक्रमण के बीच ये मंदिर मिला था। इस मुद्दे को भी सीएम ने विधानसभा में उठाते हुए कहा कि ये भी अपने आप में आश्चर्य है कि मस्जिदों से मिनी स्टेशन चल रहे हैं।
अभियान चलते ही लोग खुद हटाने लगे अतिक्रमण
उधर संभलेश्वर महादेव मंदिर से अतिक्रमण हटाने के लिए जो बुलडोजर चलना शुरू हुआ था, वो अब तक थमा नहीं है। शहर में लगातार अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया जा रहा है। इसी कड़ी में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले दीपा सराय और विधायक इकबाल महमूद के मोहल्ले में नालियों के स्लैब तोड़े गए। इसके अलावा हातिम सराय में भी कार्रवाई की गई। कई जगह तो ऐसा देखने को भी मिला कि लोग खुद अतिक्रमण हटा रहे हैं। मस्जिदों से लाउडस्पीकर भी हटाए जा रहे हैं।
कुएं की खोदाई में मिलीं कई खंडित मूर्तियां
वहीं खग्गू सराय में शिव मंदिर के परिसर बने प्राचीन कुएं की खोदाई की गई थी, जिसमें भगवान शिव, गणेश और माता पार्वती की खंडित मूर्तियां मिली थीं। उसी क्रम में चार और प्राचीन कुएं मिले हैं। लोगों ने अतिक्रमण कर कुओं का पाट दिया था, अब नगर पालिका ने कुओं से अतिक्रमण हटवाकर इन्हें संवारने का काम शुरू किया है।
बहरहाल संभल में मस्जिद के सर्वे से निकली बात अब बहुत दूर तक जा चुकी है और से मामला इतनी जल्दी शांत होता नहीं दिख रहा। कहने वाले कह सकते हैं कि ये सब कुछ सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है, मगर इस हकीकत से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि 46 साल पहले इस शहर को ऐसे जख्म दिए गए थे, जिनसे अब भी खून रिस रहा है, तो अब अगर राजनीति करके उन पर मरहम लग सकता है तो यही सही।