Thu. Jan 9th, 2025

शीतलहर से कड़ाके की ठंड

भोपाल। प्रदेश में सोमवार को दिन का सबसे कम 18 डिग्री सेल्सियस तापमान टीकमगढ़ का दर्ज किया गया, जिससे टीकमगढ़ और नौगांव में सोमवार का दिन सबसे शीतल रहा। पश्चिमी विक्षोभ आगे बढ़ चुका है इसके साथ ही हवाओं का रुख उत्तरी हो गया है।मौसम विज्ञानियों के मुताबिक उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में हाल ही में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। वहां से आ रही सर्द हवाओं ने एक बार फिर ठिठुरन बढ़ा दी है। आगामी तीन से चार दिन तक रात के तापमान में गिरावट बनी रह सकती है। कई शहरों में शीतलहर चलने के आसार हैं।

मध्यप्रदेश में सोमवार को अधिकतर शहरों में दिन का तापमान 25 डिग्री से नीचे रहा। सबसे ठंडा टीकमगढ़ रहा, जहां पारा 18 डिग्री दर्ज किया गया। नौगांव में 18.5 डिग्री, ग्वालियर-रीवा में 19 डिग्री, सीधी में 19.8 डिग्री, खजुराहो में 20.2 डिग्री और सतना में 20.3 डिग्री रहा।

इसी तरह शिवपुरी में 21 डिग्री, जबलपुर में 21.6 डिग्री, उमरिया में 22 डिग्री, पचमढ़ी, मलाजखंड-सागर में 22.5 डिग्री, भोपाल में 22.6 डिग्री और गुना में 22.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

इससे पहले प्रदेश में वर्षा का दौर थमने के बाद दिन-रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। शनिवार-रविवार की रात कई शहरों में पारा लुढ़का। वहीं, रविवार को दिन के तापमान में 6.2 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली। यह गिरावट धार में हुई। यहां तापमान 20 डिग्री दर्ज किया गया।

नये साल के पहले दिन एक जनवरी से कड़ाके की सर्दी का दौर फिर शुरू हो जाएगा। सबसे ज्यादा असर उज्जैन और ग्वालियर-चंबल में दिखाई देगा।रविवार को मौसम खुलते ही ठिठुरन बढ़ गई और सोमवार को सुबह कई क्षेत्रों में कोहरा भी रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

HMPV वायरस की दुनिया में क्या रफ्तार: किन देशों में मिल रहे संक्रमित, भारत में फिलहाल कैसी स्थिति? जानेंHMPV Virus Cases: भारत में अब तक ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कितने केस-कहां मिले हैं? दुनिया में इस वायरस से जुड़े मामले कहां-कहां मिले हैं? और वहां कितने संक्रमितों की बात सामने आ रही है? आइये जानते हैं… ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को लेकर दुनियाभर में अलर्ट की स्थिति है। चीन में दिसंबर के मध्य से फैल रहे संक्रमण को लेकर डर की स्थिति तब और बढ़ गई, जब भारत में एचएमपीवी के केसों की पुष्टि हुई। इस बीच चिकित्सकों और विशेषज्ञों का कहना है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस कोई नया वायरस नहीं है, बल्कि इसका अस्तित्व दुनिया में करीब 60 साल से माना जा रहा है। इसके प्रभावों को लेकर डब्ल्यूएचओ से लेकर अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों ने सावधान रहने को कहा है, हालांकि इसे बड़ा खतरा नहीं माना जा रहा है। इसके बावजूद पहले चीन, फिर भारत और अब कुछ और देशों में एचएमपीवी फैलने की वजह से इसकी संक्रमण दर को लेकर चिंता बनी हुई है। इतना ही नहीं ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमितों में कोरोनावायरस प्रभावितों जैसा ही संक्रमण दर्ज किया गया। इसके चलते एचएमपीवी के प्रभावों की तुलना भी कोविड-19 से की जा रही है, जो कि चीन में ही उभरने के बाद दुनिया के कई देशों में फैल गया था।