अब हर सोमवार करें सिर्फ ये 1 पाठ, भोलेनाथ पलट देंगे किस्मत का खेल
अगर आपकी किस्मत आपका साथ नहीं दे रही और मेहनत के बाद भी सफलता हाथ नहीं लग रही, तो अब वक्त है शिव चालीसा का सहारा लेने का। कहते हैं, भोलेनाथ को प्रसन्न करना जितना आसान है, उतना ही असरदार भी। और अगर पूजा में शिव चालीसा जोड़ दी जाए, तो बंद रास्ते भी खुलने लगते हैं।
भगवान शिव को भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है क्योंकि वो अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। आमतौर पर लोग शिवरात्रि, सोमवार या सावन के महीने में शिव की पूजा करते हैं, लेकिन यदि इसमें शिव चालीसा का पाठ शामिल कर लिया जाए तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है।
शिव चालीसा 40 पंक्तियों में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों, उनकी शक्ति और कृपा का वर्णन करती है। मान्यता है कि इसे रोज़ सुबह पूजा के दौरान पढ़ने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। साथ ही अगर कोई लंबे समय से परेशान है या कोई कार्य अटका हुआ है, तो शिव चालीसा पढ़ने से उसमें तेजी से प्रगति होती है।
क्यों हर सोमवार को होता है खास महत्व
सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है और इसी दिन भक्त व्रत रखते हैं। लेकिन बहुत से लोग सिर्फ व्रत तक सीमित रहते हैं, जबकि शिव चालीसा का पाठ इस दिन विशेष प्रभाव देता है।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सोमवार को शिव चालीसा पढ़ने से ग्रह दोषों का नाश होता है और कुंडली में चल रही नकारात्मक ऊर्जा शांत हो जाती है। कई लोग जो नौकरी, व्यापार या शादी में अड़चनों का सामना कर रहे होते हैं, उन्हें सोमवार को शिव चालीसा के पाठ से लाभ मिलता है। साथ ही, अगर किसी की कुंडली में राहु-केतु या शनि की स्थिति प्रतिकूल है, तो शिव चालीसा पाठ से उसमें भी सुधार देखा गया है।
शिव चालीसा का पाठ करने का सही तरीका
कई बार लोग चालीसा तो पढ़ते हैं लेकिन विधिवत नहीं, जिससे उसका प्रभाव कम हो जाता है। पूजा करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना ज़रूरी होता है। शिवलिंग पर जल या दूध चढ़ाने के बाद दीप जलाएं और बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करें।
इसके बाद शांत मन से बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें। चाहें तो इसे सुबह और शाम दोनों समय पढ़ सकते हैं। नियमित रूप से 21 दिन या 40 दिन तक पाठ करने से विशेष फल मिलता है।
आज के समय में क्यों ज़रूरी है शिव चालीसा का पाठ?
भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की तलाश में रहते हैं। ऐसे में शिव चालीसा सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, मानसिक रूप से भी सहारा देती है।
डिजिटल युग में भी लोग यूट्यूब और ऐप्स के ज़रिए शिव चालीसा सुनते और पढ़ते हैं। खास बात ये है कि इसे किसी खास पंडित या विधि के बिना भी घर पर पढ़ा जा सकता है, बस श्रद्धा और आस्था होनी चाहिए।
इतिहास गवाह है कि संकट के समय में शिव भक्ति ने असंभव को संभव बना दिया है। तो अगर आप भी जीवन की किसी मुश्किल से गुजर रहे हैं, तो एक बार शिव चालीसा का पाठ शुरू करके देखिए, फर्क खुद नज़र आएगा।