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देश में कोरोना की स्थिति भयावह, अब चुनाव पर उठ रहे सवाल

नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर पिछली बार से काफी ज्यादा भयानक है। इस बार कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से लोगों में फैल रहा है। हर दिन दो लाख नए केस आने लगे हैं। इस बीच देश में चुनाव भी चल रहा है, चुनावी रैलियां भी हो रही हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि देश में चुनाव जरूरी है या लोगों की जिंदगी?

कोरोना संकट के बीच एक ओर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहा है वहीं उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग चल रही है। आज यूपी के 18 जिलों में पंचायत सदस्य के 779, क्षेत्र पंचायत के 19313 और ग्राम प्रधान के 14789 पदों के चयन के लिए वोटिंग जारी है। कोरोना संक्रमित लोगों को भी पीपीई किट पहनकर वोट डालने की अनुमति दी गई है।

बंगाल में भी कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन यहां लोगों पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। बंगाल में लगभग हर दिनों राजनीतिक पार्टियों के बड़े-बड़े नेता रोड शो कर रहे हैं और चुनावी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। भारी संख्या में लोगों की भीड़ भी यहां उमड़ रही है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तो दूर लोग मास्क भी पहने दिखाई नहीं देते हैं।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा क्षेत्र चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के नेता रेजाउल हक का कोरोना से निधन हो गया है। कांग्रेस नेता शमशेरजंग सीट से चुनाव में खड़े थे। कोरोना की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए अब चुनाव वाले राज्यों में वर्चुअल प्रचार प्रसार की जरूरत है। चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि बंगाल में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रचार कैसे किया जा सकता है और संक्रमण से कैसे बचा जाए।

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