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पाकिस्तान के फर्जी पायलट मुश्किल में / पाकिस्तान में फर्जी लाइसेंस वाले 262 पायलट्स के एयरकाफ्ट उड़ाने पर रोक, इनके खिलाफ जांच होगी, दोषी पाए गए तो जेल जाएंगे

इस्लामाबाद. पाकिस्तान सरकार ने कुल 262 पायलटों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। इन पर फर्जी लाइसेंस रखने का आरोप है। गुरुवार को 140 पायलटों के एयरक्राफ्ट उड़ाने पर रोक लगाई गई थी। शुक्रवार को 112 और पायलटों पर एक्शन हुआ। 22 मई को कराची में हुए प्लेन क्रैश के बाद सरकार ने पिछले दिनों इसकी जांच रिपोर्ट संसद में पेश की थी। एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कहा था कि पीआईए के 40% पायलट्स के लाइसेंस फर्जी हैं। पाकिस्तान में कुल 860 कमर्शियल पायलट हैं।

262 के खिलाफ जांच होगी
खान ने शुक्रवार को कहा- हम उन सभी पायलट्स की डिग्री और लाइसेंस की जांच करा रहे हैं, जिन पर फर्जीवाड़े का शक है। खान पहले ही कह चुके हैं कि पैसेंजर सेफ्टी सबसे ज्यादा जरूरी है। अगर ये पायलट्स जांच में दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। खान के मुताबिक, 160 पायलट पीआईए के हैं, जबकि 112 फ्लाइंग क्लब, चार्टर्ड प्लेन या फिर दूसरी एयरलाइन कंपनियों के लिए काम करते हैं।

2 साल से रिक्रूटमेंट नहीं
एविएशन मिनिस्टर के मुताबिक, जिन पायलटों की जांच की जा रही है, उन सभी का रिक्रूटमेंट 2018 के पहले हुआ था। इसके लिए इमरान खान सरकार जिम्मेदार नहीं है, उसने तो इस धांधली को उजागर किया है। खान ने कहा- मैंने इन सभी के सस्पेंशन लेटर तैयार करा लिए हैं। जांच में दोषी पाए तो सभी के खिलाफ आपराधिक मुकद्मा दायर किया जाएगा। चार लोग ऐसे हैं जो न तो पायलट हैं और न पीआईए के कर्मचारी। लेकिन, इनके धांधली में शामिल होने का शक है। इनकी भी जांच की जा रही है।

नेताओं ने दिलाई नौकरी
खान ने कराची प्लेन क्रैश की रिपोर्ट पेश करते हुए साफ तौर पर कहा- पीआईए में पायलटों के अपॉइंटमेंट सियासी दबाव और दखल के आधार पर होते रहे हैं। फरवरी 2019 में इसकी जांच शुरू हुई। इसमें पाया गया कि 262 पायलटों ने नौकरी पाने के लिए एग्जाम में अपनी जगह किसी और व्यक्ति को भेज दिया। इन पायलट्स के पास जरूरी फ्लाइंग एक्सपीरिएंस भी नहीं था। मुल्क की यह बदकिस्मती है कि एविएशन सेक्टर में भी सियासतदान दखल देते हैं।

कराची प्लेन क्रैश के लिए पायलट जिम्मेदार थे
खान ने बुधवार को संसद में कहा था- कराची में पिछले महीने क्रैश हुए एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल फॉल्ट नहीं था। क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार थे। क्रैश के पहले पायलट कोरोनावायरस पर चर्चा कर रहे थे। इसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास है। इस क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोग मारे गए थे। 2 लोग बच गए थे।

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