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गाजीपुर बॉर्डर पर जारी है किसानों का आंदोलन, बोले- सरकार सुन नहीं रही, मजबूरी में यहां बैठे हैं

गाजियाबाद: किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे होने वाले हैं और किसान गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. तेज बारिश और आंधी की वजह से किलानों के तंबुओं को नुकसान पहुंचा है. इसने लंबे समय से जारी किसान आंदोलन को लेकर एबीपी गंगा की टीम ने किसानों से बात की है कि आखिर इस मसले का हल कैसे निकलेगा. बातचीत के दौरान किसान गुरप्रीत लटवाल ने बताया कि किसानों के साथ सरकार जल्दी बात करें. कोरोना का भी समय चल रहा है, सरकार किसान नेताओं के साथ चर्चा कर एक हफ्ते के अंदर-अंदर मामले का निवारण करे.

क्या बोले किसान 
कोरोना की बात कर रहे हैं लेकिन मास्क नहीं लगा रखा है इस सवाल के जवाब में किसान गुरप्रीत लटवाल ने कहा कि हम किसान हैं. हम ज्यादा मेहनत करते हैं, हमारा ‘एनर्जी सिस्टम’ मजबूत है.

गांव में भी संक्रमण फैला है इस सवाल के जवाब में किसान गुरप्रीत लटवाल ने कहा कि दिल्ली से बहुत लोग गए हैं. शहरों में कोरोना फैल गया है इसलिए लोग गांव में चले गए और बीमारी गांवों में भी फैल गई.

एक अन्य किसान मंजीत अटवाल ने बताया तेज बारिश और तूफान की वजह से समस्या बहुत हो रही है लेकिन हम व्यवस्था करने में लगे हैं. वहीं, कोरोना को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना बीमारी है लेकिन महामारी नहीं है. उन्होंने कहा कि आंदोलन में कोई बीमार नहीं होता है. उन्होंने ये भी कहा कि सरकार सभी हदें पार कर रही हैं ये जन आंदोलन है, किसान आंदोलन नहीं.

मजबूरी में यहां बैठे हैं 
किसान मंजीत अटवाल ने कहा कि घर पर हमारी महिलाएं कार्य कर रही हैं क्योंकि हम यहां आंदोलन में हैं. हमें बहुत परेशानी हो रही है. हमें कार्य करने के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं. सरकार हमारी सुन नहीं रही है, हम मजबूरी में यहां बैठे हैं.

वहीं, अगर बात करें कोरोना को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग की तो किसान आंदोलन में सामाजिक दूरी नजर नहीं आ रही है. इस बात पर किसानों ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है. लेकिन, आंदोलन को चलाना भी है. किसानों के चेहरे पर मास्क नजर नहीं आ रहे थे उनका कहना था कि जहां भीड़ में होती है तो मास्क लगा लेते हैं.

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