ग्वालियर। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र जाने वाली बसें 15 जून तक प्रतिबंधित रहेंगी। इन राज्यों से न टूरिस्ट, न बरात, न यात्री बस आ सकेंगी न जा सकेंगी। बसों के प्रतिबंध को देखते बस आपरेटरों ने अपने सरेंडर किए परमिट नहीं उठाए हैं।
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण तेजी से फेल रहा था। इन राज्यों से बसों के माध्यम से बड़ी संख्या में यात्री प्रदेश में आते थे। दूसरे राज्य का संक्रमण प्रदेश में न आ जाए, उसको लेकर बस सेवा रोकी गई है। अप्रैल से बसें बंद हैं। अब जाकर प्रदेश में संक्रमण दर घटी है, लेकिन बसों के माध्यम से आने वाले यात्रियों से संक्रमण फिर प्रदेश में न आ जाए। इस कारण सोमवार को परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर प्रतिबंध को 15 जून तक बढ़ा दिया है।
जिलों में दौड़ने लगी बसें पर यात्री नहीं मिल रहे: शहर में कोरोना कर्फ्यू समाप्त होने के बाद जिलों के रूट पर चलने वाली बसें शुरू हो गई हैं। एक जून से गुना, अशोकनगर, भिंड, दतिया, मुरैना सहित अन्य जिलों में जाने वाली बसें शुरू हो गई थीं, लेकिन बस स्टैंडों पर यात्री नहीं है। इस कारण बस खाली चल रही हैं। आपरेटरों को खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में 350 परमिट सरेंडर हैं। टैक्स के नुकसान से बचने के लिए आपरेटरों ने परमिट नहीं उठाए हैं। बस स्टैंडाें पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं काेराेना काल में बंद हुई ट्रेनाें का संचालन फिर से शुरू हाेने से लाेगाें काे राहत मिली है। अधिकांश ट्रेनें अब फिर से पटरी पर दाैड़ने लगी हैं।