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मानसून से पहले ही तरबतर:छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में जमकर बरसे बादल, आज भी हो सकती है बरसात, 2-3 दिनाें में मानसून भी पहुंच जाएगा

मानसून के सक्रिय होने से पहले छत्तीसगढ़ में स्थानीय मौसमी तंत्र सक्रिय है। बुधवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में कहीं हल्के से गहरे बादल छाए रहे। रात में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और सरगुजा संभाग के अधिकांश जिलों मेें तेज हवाओं के साथ बरसात हुई। बताया जा रहा है, अगले दो से तीन दिनों में मानसून भी छत्तीसगढ़ पहुंच जाएगा।

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के एचपी चंद्रा ने बताया, दक्षिण-पश्चिम मानसून अरब सागर और महाराष्ट्र के शेष हिस्सों, गुजरात के कुछ और हिस्सों, तेलंगाना के शेष हिस्सों, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और पूर्वी ओडिशा, पश्चिम, पूरे हिस्से में आगे बढ़ने की संभावना है। अगले 2-3 दिनों के दौरान बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार में पहुंचने की संभावना है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्व मध्य और उससे लगे उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी में 4.5 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से उत्तर बंगाल की खाड़ी में 11 जून 2021 को एक निम्न दाब का क्षेत्र बन रहा है। उसके और अधिक प्रबल होने की संभावना है। संभावना जताई जा रही है कि इसके आगे बढ़ने के पूर्व ही मध्य और पूर्व के राज्यों में मानसून सक्रिय हो जाएगा।

आज भी भारी बरसात का अंदेशा

मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक प्रदेश में 10 जून को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश के एक-दो स्थानों में गरज चमक के साथ भारी बारिश होने आकाशीय बिजली गिरने और अंधड़ चलने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में भी आज से गिरावट होने की संभावना है।

                      मौसम विभाग की ओर से जारी इस तस्वीर में पूरे छत्तीसगढ़ के ऊपर घने बादल देखे जा सकते हैं।
मौसम विभाग की ओर से जारी इस तस्वीर में पूरे छत्तीसगढ़ के ऊपर घने बादल देखे जा सकते हैं।

किसानों को खेत तैयार करने की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खरीफ के लिए खेत को तैयार रखने की सलाह दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है, खेत की साफ-सफाई एवं मेड़ों की मरम्मत आवश्यक रूप से इस समय करना चाहिए। खरीफ फसल लगाने के लिए बीज एवं उर्वरक का अग्रिम व्यवस्था कर ले। धान की जैविक खेती के लिए हरी खाद की फसलों ढेंचा,सनई की बुवाई शीघ्र करें। खरीफ फसल लगाने के लिए बीज एवं उर्वरक का अग्रिम व्यवस्था कर लें। सोयाबीन, मक्का, मूंगफली आदि फसलों की बुवाई के लिए खेतों को गहरी जुताई कर तैयार करें जिससे बहुवर्षीय घास नष्ट हो जाए।

पौधरोपण की तैयारी और सब्जियों के लिए भी सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है, जो किसान फलदार पौधे लगाना चाहते हैं वे खेतों की तैयारी करें तथा साथ ही साथ खेतों में पौधे लगाने के लिए गड्‌ढे खोदने का कार्य प्रारंभ करें। गड्ढ़ों में मिट्टी के साथ सड़ी हुई गोबर खाद, दीमक मारने की दवा एवं अनुशंसित उर्वरक की मात्रा मिलाकर पुनः जमीन से 10 सेंटीमीटर ऊंचा भर दें। सीधे बुवाई वाली सब्जियों के उन्नत किस्मों के बीजों की व्यवस्था रखें एवं योजना अनुसार खेत की तैयारी करें। लौकी, कुम्हड़ा को बैग में पौध तैयार करें व करेला, बरबट्टी लगाने हेतु मेड़ नाली पद्धति से फसल लगाना सुनिश्चिित करें, कुंदरू व परवल लगाने हेतु खेत तैयार करें। अदरक एवं हल्दी की रोपित फसल में पलवार (मल्चिंग) करें और जल निकास को वर्षा पूर्व ठीक कर लें।

 

मवेशियों में टीकाकरण की सलाह

कृषि वैज्ञानिकों ने मुर्गियों को रानीखेत बीमारी से बचाने के लिए पहला टीका एफ-1 सात दिनों के अंदर एवं दूसरा टीका आर-2बी आठ सप्ताह की उम्र में लगवाएं। मुर्गियों के लिए पीने के पानी की मात्रा 3-4 गुना बढ़ा दें। मवेशियों को 50 से 60 ग्राम नमक पानी में मिलाकर अवश्य पिलाएं। दुधारू पशुओं के आहार में दाना मिश्रण की मात्रा बढ़ा दें। वहीं गलघोटू एवं लंगड़ी रोग से बचाव के लिए मवेशियों का टीकाकरण करवाएं।

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