पानी-पानी हुआ शहर:रायपुर में भारी बरसात, एक घंटे में ही बरस गया 75 मिमी से अधिक पानी, सड़कों से होकर घरों में घुसा पानी
छत्तीसगढ़ में मानसूनी बरसात का दौर जारी है। रायपुर में आज दोपहर बाद भारी बरसात हुई। यह बरसात इतनी तेजी थी एक घंटे में 75 मिलीमीटर से अधिक पानी बरस गया। इससे राहत का अहसास जरूर हुआ लेकिन शहर के कुछ हिस्सोें में यह लोगों की मुसीबत भी बढ़ा गया। सड़कों से होकर बरसात का पानी घरों में घुस गया।
रायपुर के विशाल नगर और जल विहार कॉलोनी में भी जल भराव हुआ है। वहां बरसात के बाद लोगों को घुटने भर पानी में होकर आवाजाही करनी पड़ी। सड़क की ऊंचाई वाले घरों में बरसात का पानी घुस गया। इसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। समता कॉलोनी, गायत्री नगर, बांस टाल जैसे इलाकों में सड़कों के ऊपर डेढ़ फीट तक पानी भर गया। इसकी वजह से इन इलाकों में आवागमन की दिक्कतें बढ़ गई। टैगोर नगर, प्रोफेसर कॉलोनी, जगन्नाथ नगर, न्यू शांति नगर के अरमान नाले से लगे क्षेत्राें में बरसात के बाद भी पानी भरा हुआ था।
जलभराव के बाद रायपुर नगर निगम के दावे की पोल भी खुल गई है। नगर निगम पिछले कई वर्षों से जलभराव की समस्या को खत्म करने का दावा करता रहा है। इसकी कई परियोजनाओं का अभी कोई नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है।
मानसून से पहले नालियों की सफाई कराई गई थी लेकिन तेज बरसात की स्थिति में यह सफाई काम नहीं आई। नालियां उफना गईं और पूरा पानी सड़कों पर बहता रहा। मौसम विभाग के मुताबिक रायपुर में 75.6 मिमी बरसात हुई है। वहीं माना हवाई अड्डे पर 30.8 मिमी बरसात हुई है। मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, रायपुर में आज रात को भी बरसात होने की संभावना बनी हुई है।
रायपुर में 2009 में हुई थी 24 घंटे में सबसे अधिक बरसात
जुलाई के महीने में रायपुर में कई बार भारी बरसात दर्ज हुई है। जुलाई में 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक बरसात का रिकॉर्ड 2009 के नाम है। उस साल 14 जुलाई को 275.2 मिमी बरसात हुई थी। पिछले वर्ष जुलाई की सबसे अधिक बरसात 5 जुलाई को ही दर्ज हुई थी, लेकिन वह 24 घंटे में महज 38.9 मिमी ही थी। 2017 में तो अधिकतम बरसात भी महज 28 मिमी हो पाई थी।
कल भी बरसात की संभावना
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, एक द्रोणिका विदर्भ के पूर्वी भाग से दक्षिण तटीय तमिलनाडु तक तेलंगाना होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर उड़ीसा और उससे लगे गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। एक द्रोणिका उत्तर उड़ीसा से उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश तक 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है।
एक द्रोणिका उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश से त्रिपुरा तक पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उप हिमालयन पश्चिम बंगाल और असम होते हुए माध्य समुद्र तल पर स्थित है। इनके प्रभाव से कल प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना। है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है।