उत्तराखंड में फैक्ट्रियां खुली रहने के बाद भी जीएसटी संग्रह 24 फीसद कम
देहरादून: कोरोना की दूसरी लहर अधिक घातक रही। हालांकि, देश की आर्थिक स्थिति को कोरोना के प्रभाव से बचाने के लिए पहली लहर की तरह इस बार फैक्ट्रियों को बंद नहीं किया गया। इसके अलावा तमाम अन्य कारोबारी गतिविधियों को भी प्रतिबंध के दायरे से बाहर रखा गया या आंशिक रूप से या बेहद कम समय के लिए प्रतिबंधित किया गया। मगर, जीएसटी संग्रह में इसका असर देखने को नहीं मिला। जून का जीएसटी संग्रह देखें तो उत्तराखंड में यह अप्रत्याशित रूप से 24 फीसद घट गया।
कोरोना की पहली लहर में बीते वर्ष जून में स्टेट जीएसटी, सेंट्रल जीएसटी, आइजीएसटी व उपकर में उत्तराखंड से 491.38 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। वहीं, इस वर्ष जून में यह राजस्व 373.86 करोड़ रुपये रह गया। सर्वाधिक 37.05 फीसद की कमी आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) में देखने को मिली। उत्तराखंड की फैक्ट्रियों से जो माल दूसरे राज्यों में भेजा जाता है या दूसरे राज्यों के जिस माल की खपत उत्तराखंड में की जाती है, उस पर आइजीएसटी लगता है। इस कर की आधी राशि केंद्र सरकार और आधी राशि खपत वाले प्रदेश को मिलती है। कोरोना की दूसरी लहर में फैक्ट्रियों को प्रतिबंध से बाहर रखने के साथ मालवाहक वाहनों पर भी किसी तरह की रोक नहीं थी। इसके बाद भी इस श्रेणी के कर में सर्वाधिक कमी समझ से परे है। हालांकि, स्टेट जीएसटी और सेंट्रल जीएसटी के अधिकारी राजस्व संग्रह में आई गिरावट की थाह लेने में जुट गए हैैं। सेक्टरवार कर संग्रह का आकलन किया जा रहा है।