सफर होगा आसान:उज्जैन-देवास फोरलेन का काम शुरू, अभी छोटे-बड़े पुल-पुलियाएं बनाए जा रहे हैं
उज्जैन-देवास फोरलेन का काम शुरू हो गया है। शुरुआत में छोटे-बड़े पुल-पुलियाओं व बायपास के क्षेत्रों में काम किया जाने लगा है। उम्मीद है कि फोरलेन का निर्माण करीब ढाई वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बनने से जहां उज्जैन से देवास के बीच का सफर आसान होगा वहीं इंदौर पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी जनता काे मिलेगा। वैसे तो इस पूरे रूट उज्जैन-देवास-बड़नगर से बदनावर तक 98 किमी तक को फोरलेन बनना तय है। लेकिन पहले चरण में केंद्र सरकार द्वारा 700 करोड़ मंजूर किए जाकर उज्जैन-देवास-शिप्रा तक के 41 किमी का निर्माण करने की स्वीकृति दी गई है। बाकी हिस्सा दूसरे चरण में बनेगा। कोरोना महामारी के चलते लंबे समय से अटके पड़े इस प्रोजेक्ट के लिए अब मौके पर काम दिखाई देना शुरू हो गया है।
एनएचएआई के परियोजना अधिकारी एमएल पुरविया ने बताया कि निर्माण हरियाणा गुड़गांव की गावर कंपनी कर रही है। चूंकि अभी बारिश का दौर है इसलिए मार्ग में पड़ने वाले पुल-पुलियाओं के छोटे-बड़े सहित ऐसे काम से शुरुआत की गई जो बारिश में भी हो सकते हैं। मानसून के बाद निर्माण कार्य तेजी पकड़ेगा। माना जा रहा है कि निर्माण पूरा होने में दो से ढाई साल तक लग सकते हैं।
फोरलेन बनने से फायदा : दुर्घटनाएं कम होंगी
- फोरलेन के बनने से उज्जैन-देवास के बीच का सफर आसान व सुरक्षित होगा। दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
- फोरलेन शिप्रा से आगे चलकर देवास-इंदौर सिक्स लेन से जुड़ेगा, यानी यह इंदौर पहुंचने का एक वैकल्पिक मार्ग भी रहेगा।
- चंदेसरा से बायपास होकर यह मार्ग सीधे इंदौर फोरलेन के तपोभूमि क्षेत्र में मिलेगा। यानी उज्जैन में प्रवेश नहीं करते हुए बायपास ही आवागमन हो सकेगा।
- फोरलेन निर्माण से जुड़ने वाले उज्जैन जिले के 20 सहित 61 गांवों की जमीनों की कीमत बढ़ जाएगी। गांवों को नई पहचान मिलने के साथ ही इनके विकास तेजी से हो सकेंगे।