Sat. Nov 2nd, 2024

मॉनसून का गोल्डन मूव:पहली बार जुलाई में 22% ज्यादा बरसा, पिछले दाे साल जून-जुलाई में सुस्त रहा

एक जून से शुरू हुए मॉनसून का आधा सीजन 31 जुलाई को बीत गया। इस बार मॉनसून ने आने में भले ही देरी की हो, लेकिन देरी से आकर भी राहत की बरसात की है। 2019-2020 में जून-जुलाई के सूखे को भी दूर कर दिया है। इस सीजन में जिले में अब तक 290.7 एमएम बारिश हुई है, जो औसत कोटे का 22 फीसदी ज्यादा है।

जबकि सामान्य 238 एमएम मानी गई है। यह हालात तब हैं जब जिले में मॉनसून सीजन इस बार 13 जून को घोषित हो गया था, जिसके बाद लंबा ड्राई स्पेल आया, पर देर से आने के बाद भी जून-जुलाई की कसर अंतिम हफ्ते की बरसात ने ही पूरी कर दी है। इस बार 13 जून को बरसने के बाद जून ने भी काफी डरा दिया था। 24 फीसदी की कमी से जिले का मॉनसून ट्रैक रेड जोन में चला गया था। अब यह ब्लू जोन में है।

राेहतक

2019 में जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद थी। लेकिन 31 जुलाई तक 59% कम बारिश दर्ज की गई थी। मॉनसून कमजोर पड़ने से इसकी पूर्ति अगस्त और सितंबर में भी नहीं हो पाई थी। आधे सीजन में 83% बरसात कम हुई। कुल 72 % की कमी पूरे सीजन में रही थी।

2020 में भी मॉनसून रुखा रहा। 57 % की कमी दर्ज की गई थी। जून-जुलाई में आंकड़ा 50 % ही पूरा हो पाया था। माना भी जाता है कि मॉनूसन शुरू में ही बरस जाए तो इस सीजन से ही अच्छी शरुआत हो सकती है। अगस्त से सितंबर में भी कोटा पूरा नहीं हुआ और 63 % की कमी रही थी।

चूका प्रशासन- बंदोबस्त नॉकआउट

​​​​​​​जिले में अच्छी बरसात के कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिले। शहर के निचले इलाकों में बरसात का पानी भरा हुआ है। 30 जुलाई को ही आधे घंटे में 44 एमएम बरसे बादलों से जलभराव हो गया। खेत भी ओवरफ्लो हो गए है। इससे करीब 2 हजार एकड़ तक जलमग्न हो चुके हैं।

राजस्थान व झारखंड पर है टर्फ…इस हफ्ते अच्छी बारिश

माैसम विशेषज्ञ प्रो डीपी. दुबे के अनुसार राजस्थान-झारखंड के ऊपर निम्न वायुदाब क्षेत्र बना है। यह 3-4 अगस्त काे राजस्थान पहुंचेगा। इसके हरियाणा पहुंचने के भी अासार हैं। इस दाैरान बारिश हाे सकती है। अभी मॉनसून सक्रिय है, लेकिन उसे काेई मजबूत वेदर सिस्टम का सहयाेग नहीं मिल रहा। मॉनसून टर्फ राजस्थान व झारखंड के ऊपर गुजर रहा है, जिससे वहां ज्यादा बारिश हाे रही है। इस हफ्ते में अच्छी बारिश हाे सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *