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सावन में बरस रही गर्मी:अगस्त माह में छह साल का सर्वाधिक 35.3 डिग्री पारा, 10 दिनों से बारिश भी नहीं

राजसमंद सावन का महीना आधा बीतने आया, लेकिन अभी भी लाेगाें काे तेज बारिश का इंतजार है। वहीं पिछले पांच दिनाें से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी लगातार बढ़ाेतरी हाे रही है। पिछले छह साल में पहली बार 12 अगस्त को अधिकतम तापमान 35 डिग्री से अधिक रहा है। न्यूनतम तापमान भी 24 डिग्री पर बना हुआ है। अगस्त माह की शुरुआत में अधिकतम तापमान 25 डिग्री था। 12 दिनों में अधिकतम तापमान फिर से 35 डिग्री तक पहुंच गया।

जबकि बारिश के दिनों में सामान्यता अधिकतम तापमान 26 से 31 डिग्री तक रहता है। इस बार बारिश नहीं होने से अधिकतम तापमान में लगातार बढ़ाेतरी जारी है। सात अगस्त के बाद अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी का दौर जारी है। 7 अगस्त को अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री था। 8अगस्त को अधिकतम तापमान में 2.4 डिग्री की बढ़ाेतरी होकर 32.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 24 पर पहुंच गया।

तापमान में बढ़ोतरी लगातार जारी है। 9 अगस्त को अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री हो गया। 10 अगस्त को अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री और न्यूनतम 23 हो गया। 11 अगस्त को अधिकतम 35 व न्यूनतम 24 डिग्री था। 12 अगस्त को अधिकतम तापमान में बढ़ाेतरी हाेकर 35.3 और न्यूनतम 24 डिग्री हो गया।

बादल रोज छा रहे, लेकिन बरसात नहीं हो रही, उमस से लाेग परेशान
पिछले 10 दिनों से बारिश बंद है। जिले में अभी तक इस बार मानसून पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुआ। जबकि पड़ाेसी जिलों में इस सीजन की अच्छी बारिश हो गई। जबकि राजसमंद अभी भी सूखा ही है। बारिश नहीं होने से किसानों के चिंता बढ़ गई है। अगस्त माह की शुरुआत में जरूर अच्छी बारिश हुई। 10 दिन बीतने जाने के बाद भीम, नाथद्वारा, देलवाड़ा ब्लॉक में बारिश हुई। शेष राजसमंद, आमेट, कुंभलगढ़ आदि ब्लॉक में बारिश नहीं हुई।

ताऊ ते ने तोड़ी मानसून की चैन
मई-जून में ताऊ-ते तूफान आने से मौसम की एकदम से चैन टूट गई है। मई-जून में तेज गर्मी से अरब सागर का वाष्पीकरण हाेना होना था। वह नहीं हो पाया, इससे सीधा असर मानसून की बारिश पर पड़ा। अब वापस अरब सागर में लाे प्रेशर बन रहा है। इससे गर्मी बढ़ रही है। आगामी 10 दिनों में बारिश होने की संभावना है। वाष्पीकरण नहीं हाे पाने से मानसून पूरी तरह से सक्रिय नहीं हाे पाया है।
-डॉ. जगदीश चौधरी, माैसम वैज्ञानिक, उदयपुर

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