कर्नाटक में 15 सितंबर से शुरू होंगे नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप के मुकाबले, ‘हेडगार्ड’ की होगी वापसी
भारतीय मुक्केबाज 15 सितंबर से शुरू हो रही पुरूषेां की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में एक बार फिर ‘हेडगार्ड’ के साथ खेलेंगे. इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाले सर्बिया में अगले महीने होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिये क्वालीफाई करेंगे. बता दें कि, पिछले साल कोरोना महामारी के कारण राष्ट्रीय चैम्पियनशिप नहीं हो सकी थी. इस बार ये कर्नाटक के बेल्लारी स्थित इंस्पायर खेल संस्थान में आयोजित की जाएगी. हर वर्ग से शीर्ष दो मुक्केबाजों को राष्ट्रीय शिविर में सीधे प्रवेश मिलेगा.
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के महासचिव हेमंत कलीता ने कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा, “स्वर्ण पदक विजेता को सीधे विश्व चैम्पियनशिप में प्रवेश मिलेगा. राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के बाद ओपन चैम्पियनशिप भी खेली जायेगी और शीर्ष दो को सीधे शिविर में प्रवेश दिया जायेगा.” उन्होंने कहा, “प्रस्ताव के मुताबिक हेडगार्ड की वापसी होगी क्योंकि विश्व चैम्पियनशिप के लिये समय नहीं बचा है और हम नहीं चाहते कि कोई चोट वगैरह आये.” बता दें कि, विश्व चैम्पियनशिप 26 अक्टूबर से खेली जायेगी और टोक्यो ओलंपिक के बाद यह पहला बड़ा टूर्नामेंट होगा.
2013 में पुरूषों की एमैच्योर मुक्केबाजी से हटा हेडगार्ड
पुरूषों की एमैच्योर मुक्केबाजी में 2013 से हेडगार्ड हटा दिया गया था जब एआईबीए के मेडिकल आयोजन ने रिसर्च के बाद कहा था कि इसे हटाने से मुक्केबाजी में दिमाग की गंभीर चोट लगने का जोखिम कम हो सकता है.
विश्व चैम्पियनशिप खेलने के लिये ओलंपिक से लौटे मुक्केबाजों को राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भाग लेना होगा. ओलंपिक में अमित पंघाल (52 किलो), मनीष कौशिक (63 किलो), विकास कृष्ण (69 किलो) , आशीष चौधरी (75 किलो) और सतीश कुमार (प्लस 91 किलो) ने भाग लिया था. इनमें से विकास कंधे की चोट के कारण बाहर है जिसका ऑपरेशन होना है.
कलीता ने कहा , “ओलंपियनों को राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भाग लेकर जीतना होगा ताकि विश्व चैम्पियनशिप खेल सकें. इसमें किसी को छूट नहीं दी गई है. ओपन चैम्पियनशिप की तारीखें बाद में बताई जायेंगी. राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के तुरंत बाद 22 और 23 सितंबर को ट्रायल होंगे, जिसमें इस साल के कांस्य पदक विजेताओं का सामना पिछले सत्र के शीर्ष तीन मुक्केबाजों से होगा.”