मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा:अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को राहत देने की भावना के साथ चलें अभियान

जयपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की संकल्पना अनुसार राज्य सरकार द्वारा दी जा रही रियायतों/छूटों का लाभ अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को देने की भावना से गांधी जयंती पर प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत हुई। गहलोत ने राज्यस्तरीय कार्यक्रम में कौशल्या देवी एवं पुष्पा देवी को जेडीए का आवासीय पट्टा दिया। जेडीसी ने भी जोन कार्यालय में जाकर जोन-9 एवं जोन-12 के भूखंडधारियों को पट्टे दिए।
प्रशासन शहरों के संग अभियान के लिए राज्य में कुल 213 नगरीय निकाय, 14 नगर विकास न्यास एवं 3 विकास प्राधिकरण हैं, जिनमें सबसे अधिक 5250 पट्टे जेडीए द्वारा अभियान की शुरुआत में जारी किए गए है। पहले दिन पर प्रदेश भर में बांटे गए पट्टाें में से 18% पट्टे जेडीए द्वारा बांटे गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों को उनके आवासों के पट्टे देकर राहत देने का निर्णय किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आमजन के सहयोग से ये अभियान सफल होंगे। धारीवाल ने कहा कि अभियान में लगने वाले शिविरों में आमजन को अधिक से अधिक राहत देने के लिए नियमों एवं परिपत्रों का सरलीकरण किया गया है।
जमीनों के विवादों व रेवेन्यू केसों के निस्तारण पर रहेगी निगरानी
अभियान में जमीनों के विवादों व रेवेन्यू केसों के निस्तारण पर राजस्व विभाग व रेवेन्यू बोर्ड की निगरानी रहेगी। अभियान के शिविरों में विवादित मामलों का सहमति के बजाए ‘एक्स पार्टी’ मानते हुए एक तरफा कार्रवाई की शिकायतें आती है। इससे रेवन्यू व सिविल अदालतों में अपील व निगरानी के मुकदमे बढ़ जाते है। कई बार अधिकारी केस निपटाने के टारगेट पूरा करने के लिए भी अपने स्तर पर ही मुकदमों का निपटारा कर देते है। इससे न्याय के सिद्धांत की पालना नहीं हो पाती है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का कहना है कि अभियान के शिविरों में जमीनों के विवादों व रेवन्यू केसों के निस्तारण पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। एक तरफा कार्रवाई व जबरन फैसले देने की शिकायतों पर अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सिस्टम बनाया है।
बिना सूचना के शिविरों में जा रहे है मुकदमे : तहसीलदार व एसडीएम कोर्टों में लंबित मुकदमों के निस्तारण के लिए प्रार्थी व अप्रार्थी को पहले सूचना देना जरूरी है, लेकिन जयपुर कलेक्ट्रेट सहित अन्य जिलों में कई पीठासीन अधिकारी कुछ केसों के निपटारे के लिए शिविरों में ले जा रहे है।