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इंडिया ओपन बैडमिंटन: लक्ष्य सेन ने सिंगल्स जबकि सात्विक और चिराग की जोड़ी ने जीता डबल्स का खिताब

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत के लक्ष्य सेन रविवार को पुरुष सिंगल्स फाइनल में सिंगापुर के मौजूदा विश्व चैंपियन लोह कीन यू पर सीधे गेम में शानदार जीत के साथ इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के विजेता बने। लक्ष्य का सुपर 500 स्तर के प्रतियोगिता का यह पहला खिताब है। पिछले महीने स्पेन में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले लक्ष्य ने 54 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में पांचवीं वरीयता प्राप्त शटलर को 24-22, 21-17 से हराया।

इससे पहले, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी इंडोनेशिया के तीन बार के विश्व चैंपियन मुहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान की जोड़ी पर सीधे गेम में शानदार जीत दर्ज करते हुए यह टूर्नामेंट जीतने वाली देश की पहली पुरुष डबल्स जोड़ी बन गई। विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज इस भारतीय जोड़ी ने शीर्ष वरीयता प्राप्त इंडोनेशिया की जोड़ी को 43 मिनट तक चले मुकाबले में 21-16, 26-24 से हराकर नए सत्र की शानदार शुरुआत की। इस भारतीय जोड़ी ने इससे पहले 2019 में थाइलैंड में अपना पहला सुपर 500 टूर्नामेंट जीता था।

लक्ष्य और लोह के बीच इस मैच से पहले चार मुकाबलों में लक्ष्य ने दो मैच जीते थे। पिछले साल डच ओपन के फाइनल में हालांकि पांचवीं वरीयता प्राप्त लोह ने बाजी मारी थी। डच ओपन के फाइनल से सीख लेते हुए इस बार लक्ष्य ने ज्यादा गलती नहीं की और शानदार खेल दिखाते हुए खिताब अपने नाम किया। यह सेन के करियर का सबसे बड़ा खिताब है। उन्होंने 2019 में डच ओपन और सारलोरलक्स ओपन के रूप में दो सुपर 100 खिताब जीते है।

इस मैच से पहले इंडोनेशिया की इस जोड़ी के खिलाफ सात्विक और चिराग चार मुकाबलों में सिर्फ एक जीत दर्ज कर सके थे। कोविड-19 जांच में गलत पाजिटिव नतीजे के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने के खतरे का सामना करने के बाद इस जोड़ी ने खिताब जीतकर मजबूत मानसिकता का परिचय दिया है। इस जीत से वे व्यस्त सत्र से पहले महत्वपूर्ण रैंकिंग अंक हासिल करने में सफल रहे। यह रैंकिंग अंक राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसे आयोजन में क्वालीफाई करने के लिए अहम होंगे। दोनों ने 2018 में हैदराबाद ओपन सुपर 100 टूर्नामेंट में जीत दर्ज की थी। इस जोड़ी ने सैयद मोदी इंटरनेशनल में उपविजेता रहने के अलावा गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था। भारतीय जोड़ी ने पिछले साल टोक्यो ओलिंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया था, लेकिन तीन में से दो मुकाबले जीतने के बावजूद वे ग्रुप चरण को पार नहीं कर पाए थे।

 

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