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कोटा नगर निगम क्षेत्र की सड़कों का बदलेगा रूप:राज्य सरकार की बजट घोषणा में किया था शामिल, टेंडर के बाद वर्क आर्डर जारी

कोटा नगर निगम के क्षेत्र में आने वाली सड़कों का अब रूप बदलेगा। लोगों को अब लंबे समय तक टिकने वाली रोड की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए नगर निगम क्षेत्र के अधीन आने वाले इलाकों में सड़क निर्माण का काम पीडब्ल्यूडी की तरफ से करवाया जाएगा। पीडब्ल्यूडी की तरफ से अभी तक केवल उसी के अधिकार क्षेत्र में मेन रोड का काम करवाया जाता था। लेकिन राज्य सरकार ने अपने बजट घोषणा में यह शामिल किया था कि पीडब्ल्यूडी निगम क्षेत्र की सड़कें भी बनाएगा।

बजट घोषणा के बाद नगर निगम से पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव मांगे थे। इसके बाद नगर निगम की तरफ से 30 इलाकों का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी को दिया। ऐसी सड़कों का प्रस्ताव दिया है जो लंबे समय से क्षतिग्रस्त है या हर बार बारिश के बाद क्षतिग्रस्त हो जाती है।

पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव सरकार को भिजवाया जिसके बाद सरकार की मुहर लगने के बाद इसके टेंडर लगे और वर्क आर्डर भी जारी हो गए। अब करीब कोटा दक्षिण नगर निगम क्षेत्र की 25 किलोमीटर की सड़कों का निर्माण पीडब्ल्यूडी की तरफ से करवाया जाना है। महापौर राजीव अग्रवाल ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की तरफ से या आश्वस्त किया गया है कि जो सड़के बनाई जाएगी वह 5 साल तक क्षतिग्रस्त नहीं होगी।

 राजीव अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्रों में कई ऐसी सड़के हैं, जो कि हर बार बारिश के बाद उखड़ जाती है। इनमें जवाहर नगर मेन रोड की हालत बहुत खराब है। सालों से लोग परेशान होते हैं। इस रोड का हर बार पैच वर्क कर किया जाता है। लेकिन हर बार बारिश में यह उखड़ जाती है। अब यहां पर सी सी रोड का निर्माण करवाया जाएगा। जिसके बाद कई सालों तक लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

खुद महापौर राजीव अग्रवाल मान रहे हैं कि पीडब्ल्यूडी सड़कें बनवाएगा तो वह 5 साल तक क्षतिग्रस्त नहीं होगी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि निगम और यूआईटी अपने ही क्षेत्र में जो सड़के बनाता है वह एक ही बारिश में उधड़ जाती है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यूआईटी व नगर निगम खुद की गुणवत्ता का काम नहीं करते और लापरवाही बरतने वाले ठेकेदार के ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं होती।

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