कोरोना काल में म्यूचुअल फंड में सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान से निवेश करना रहेगा फायदेमंद, इसमें मिलता है डबल फायदा
कोरोना काल में निवेशकों में डर का माहौल है। कई लोगों ने बाजार में जारी उतार चढ़ाव के कारण सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) या तो रोक दी है या बंद कर दी है। लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। ऐसे समय में सुरक्षित निवेश के लिए आप सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) बेहतर विकल्प है। म्यूचुअल फंड में एकमुश्त रकम निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए STP का रूट लेना फायदेमंद साबित होगा। आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं ताकि आप अपने हिसाब से इसमें निवेश कर सकें।
क्या है सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान?
सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) के जरिए एक निश्चित अवधि में म्यूचुअल फंड निवेशक अपना पैसा धीरे धीरे निवेश कर सकता है। इसके तहत पहले निवेशक एक मुश्त रकम डेट फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एक मुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्यदा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।
इसे उदाहरण से समझें?
मान लीजिए आप 2 लाख रुपए निवेश करना चाहते हैं लेकिन शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए आप STP का विकल्प अपनाते हैं। इससे आप तय करते हैं कि 2 लाख रुपए में से हर महीने 10 हजार रुपए इक्विटी फंड चला जाएगा। वहीं बचे हुए एक लाख नब्बे हजार रुपए डेट फंड में रहता है बाकी दस हजार रुपये इक्विटी फंड में निवेश होता रहता है। इस तरह आपने जो रकम इक्विटी फंड में ट्रांसफर किया है, उस पर भी आपको कमाई होगी और डेट फंड में निवेश की हुई रकम पर भी आपको रिटर्न मिलता रहेगा।
क्या है इसका फायदा?
एक तरह से यह जोखिम को बांट लेने जैसा है। इससे मुश्किल आर्थिक हालात यानी इकनॉमी में उतार-चढ़ाव की वजह से म्यूचुअल फंड में आई अस्थिरता से आप खुद का काफी हद तक बचाव कर लेते हैं। एसटीपी में पैसा लिक्विड या अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में तब तक पड़ा रहता है, जब तक वह इक्विटी फंड में ट्रांसफर नहीं हो जाता। इस पैसे पर आपको रिटर्न मिलता है, जो आम तौर पर सेविंग्स बैंक अकाउंट के मुकाबले ज्यादा होता है।
एकमुश्त निवेश के लिए अपनाएं ये स्ट्रेटेजी
एक्सपर्ट के अनुसार अगर आप निवेश करना ही चाहते हैं तो आपको अपना पैसा कई फंड में लगाना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर आपको 10 लाख रुपए म्युचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करना है तो आपको 2 लाख 5 अलग अलग लिक्विड डेट फंड में निवेश करना चाहिए। इससे आपके निवेश पर बाजार के उतार चढ़ाव का कम से कम असर होगा। 6 माह के बाद आप मंथली बेसिस पर सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान के जरिए अपना पैसा डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में ट्रांसफर कर सकते हैं।