अच्छी खबर:मेडिकल कॉलेज निर्माण के दूसरे चरण के लिए डिजाइन की फाइनल
बारां जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को लेकर फाइलों में प्रक्रिया चल रही है। इसको लेकर लोगों में धरातल पर कार्य शुरू होने का इंतजार बना हुआ है। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की ओर से निर्माण कार्य जल्द शुरू करने के दावे किए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार फर्स्ट फेज के निर्माण कार्यों के लिए डीपीआर फाइनल होने के बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इसके बाद वर्कआर्डर सहित अन्य स्वीकृतियों के लिए फाइल राजमैस में अटकी हुई है।
वहीं दूसरे फेज के तहत सोमवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल निर्माण को लेकर सीपीआर साइन कर फाइनल कर दी है। पीएमओं डॉ. राजेंद्र मीना ने बताया कि जिला मुख्यालय पर करीब 325 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज निर्माण होना है। इसको लेकर प्रथम चरण में मेलखेड़ी के समीप प्रस्तावित जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा। पहले चरण में कार्यों पर करीब 148 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसको लेकर कुछ समय पहले ही टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
राजमैस की ओर से जल्द ही वर्कऑर्डर सहित अन्य स्वीकृतियां जारी कर दी जाएंगी। इसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा। पीएमओ डॉ. मीना ने बताया कि नोड़ल अधिकारी डॉ. सीपी मीना के साथ पहुंचकर सोमवार को दूसरे चरण के कार्याें के लिए सीपीआर पर साइन कर फाइनल कर दी है। अब फाइल आगामी कार्रवाई के लिए जयपुर राजमैस को भेज दी गई है।
जिला अस्पताल का भी होगा रिनोवेशन, 6 मंजिला मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल बनेगा पीएमएओ डाॅ. मीना ने बताया कि दूसरे चरण के तहत मान्यता के लिए मौजूदा जिला अस्पताल में करीब 10 करोड़ की लागत से रिनोवेशन करवाया जाएगा। साथ ही नई ओपीडी विंग की पहली मंजिल की छत पर नया वार्ड तैयार किया जाएगा। तथा जिला अस्पताल परिसर में डॉक्टर क्वाटर्स की जगह पर 7 मंजिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण होगा। इसके पीछे खाली पड़ी जगह पर ऑटोप्सी ब्लॉक तैयार होगा। एमसीएच विंग में लैक्चर थिएटर, नर्सेज हॉस्टल आदि तैयार होंगे।एक-दो दिन में होगी जमीन की रजिस्ट्री और सीमाज्ञान, सफाई कार्य जारी विभागीय सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की प्रस्तावित जमीन की रजिस्ट्री एक-दो दिन में प्रबंधन की और से करवाई जाएगी। नगर परिषद सफाई प्रभारी एन एल स्वामी ने बताया मेडिकल कॉलेज की प्रस्तावित जमीन की सफाई करवाई जा रही है। वहीं पास ही काबिज कुछ अतिक्रमियों की ओर से झाड़ियां नहीं हटाने दी जा रही है। सूत्रों ने बताया कि पूरी जमीन की साफ-सफाई होने के बाद ही तहसीलदार कार्यालय की ओर से जमीन का सीमाज्ञान करवाया जाएगा। इसको लेकर प्रक्रिया चल रही है।