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सीएम सलाहकार डॉ. जितेन्द्र को बताई पीड़ा:संविदाकर्मी बोले- हर साल बदलती है एजेंसी, 3 महीने बेरोजगार रहते हैं, घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ता है

झुुंझुनूं राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जिले में कार्यरत संविदा कर्मियों ने सीएम सलाहकार व खेतड़ी विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह को अपनी पीड़ा बयान की। सीएम गहलोत के नाम ज्ञापन देकर संविदाकर्मियों ने समस्याओं का समाधान करने की मांग की है।

लक्ष्मीकांत स्वामी ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग में प्रदेश में विभिन्न पदों पर 689 कार्मिक 2018 से राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर पर प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पुरानी प्लेसमेंट एजेंसी का कार्यकाल खत्म हो गया। नई प्लेसमेंट एजेंसी आने के चलते उनका दोबारा नियुक्ति के लिए आर्थिक, मानसिक व सामाजिक रूप से शोषण हो रहा है। उन्होंने कोविड़ 19 में भी कोरोना वॉरियर्स के रूप में चिकित्सा विभाग व महिला बाल विभाग के कार्मिकों के साथ बेहतर काम किया।

देश के विभिन्न राज्यों जैसे बिहार, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत कार्मिकों की नियुक्ति सीधे विभाग की ओर से की गई। जबकि राजस्थान में प्लेसमेंट एजेंसी हर साल बदलती रहती है, जिससे हर साल दोबारा नियुक्ति के लिए आर्थिक, मानसिक व सामाजिक रुप से शोषण हो रहा है। वहीं हर साल नई एजेंसी की चयन प्रक्रिया में होने से कार्मिकों को दो तीन महीने तक बेरोजगारी से जूझना पड़ता है। वेतन नहीं मिलने के कारण कार्मिकों को घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ता है। ज्ञापन सौंपने वालों में रामचंद्र, नरेंद्र स्वामी, संदीप कुमार, रविंद्र, रेणु कुमारी, लक्ष्मीकांत स्वामी, बीरबल, बलबीर, अभय चौधरी, प्रिया पारीक , श्याम सुंदर मौजूद थे।

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