एलोपैथी विभाग की तर्ज पर होम्योपैथी डॉक्टर भी गांव-गांव जाकर मरीजों का उपचार करेंगे। होम्योपैथी विभाग की ओर से लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए एक नई पहल के तहत यह शुरूआत की जा रही है। जिसमें शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच और दवाएं निशुल्क देने के साथ होम्योपैथ प्रति जागरूक किया जाएगा।
दरअसल, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से आज भी बहुत लोग अंजान हैं। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को होम्योपैथी उपचार के बारे में जानकारी ही नहीं है। इससे अधिकांश लोग बस एलोपैथी विधि से ही उपचार कराने पर ही निर्भर रहते हैं। वह सरकार की ओर से होम्योपैथी सरकारी चिकित्सा सुविधा का भी लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। जबकि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में भी लोगों को बेहतर और सस्ता उपचार दिया जा रहा है।
जनपद में 15 होम्योपैथी के सरकारी अस्पताल भी हैं। इसको देखते हुए होम्योपैथी विभाग की ओर से अब ग्रामीणों को होम्योपैथी विभाग से जोड़कर सस्ता और अच्छा इलाज दिलाने के लिए गांव-गांव स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा। जिनमें लोगों को होम्योपैथी विधि के प्रति जागरूक किया जाएगा। शिविरों में ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच से लेकर उन्हें निशुल्क दवाएं भी दी जाएंगी। मरीजों को होम्योपैथी अस्पतालों में जाकर उपचार कराने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। जिन गांवों में शिविरों का चयन किया जाएगा। उनमें प्रत्येक पंद्रह दिन में संबंधित होम्योपैथी अस्पताल की ओर से शिविर लगाया जाएगा।
स्वास्थ्य शिविर लगाने के लिए समस्त अस्पतालों के आदेशित कर दिया गया है। जून के अंतिम दिनों में शिविर लगाने शुरू कर दिए जाएंगे। इससे मरीजों को होम्योपैथी विधि से उपचार देने में जागरूक करने में काफी मदद मिलेगी।
– डॉ. विकास ठाकुर, जिला होम्योपैथी अधिकारी, हरिद्वार