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मुरली विजय ने दो साल बाद क्रिकेट के मैदान पर की वापसी, लेकिन नहीं रहे कामयाब

भारतीय टीम से बाहर किये गये टेस्ट बल्लेबाज मुरली विजय ने शुक्रवार को करीब दो साल के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की. मुरली विजय  तिरूनेलवेली में तमिलनाडु प्रीमियर लीग  में रूबी ट्रिची वारियर्स के लिये खेलने उतरे. मुरली विजय की वापसी हालांकि कामयाब नहीं रही और वह 13 गेंद में आठ रन ही बना सके और रन आउट हुए.

अंतिम बार सितंबर 2020 में दुबई में इंडियन प्रीमियर लीग मैच में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलने वाले 61 टेस्ट के अनुभवी विजय घरेलू क्रिकेट में भी तमिलनाडु के लिये नहीं खेले थे और न ही वह पिछले साल टीएनपीएल में खेले थे. वह स्थानीय टीएनसीए लीग में भी नहीं खेले थे.

वह अंतिम बार तमिलनाडु के लिये दिसंबर 2019 में रणजी ट्राफी में खेले थे. उनका भारत के लिये अंतिम टेस्ट 2018 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में था. इसके बाद से मुरली विजय के लिए टीम इंडिया में वापसी के दरवाजे बंद हैं.

मुरली विजय ने किया फिट होने का दावा

मुरली विजय ने हालांकि क्रिकेट खेलने के लिए पूरी तरह से फिट होने का दावा किया. टीएनपीएल से पहले विजय ने कहा था, ”मैं जितना संभव हो सके, उतने लंबे समय तक खेलना चाहता हूं. मैंने व्यक्तिगत ब्रेक लिया था. मैं अपने परिवार की देखभाल करना चाहता था. मैं अभी अपने क्रिकेट का लुत्फ उठा रहा हूं और मैं पूरी तरह से फिट महसूस कर रहा हूं.”

मुरली विजय भारत के लिए कामयाब टेस्ट ओपनर्स में से एक रहे हैं. टीम इंडिया के लिए 61 टेस्ट खेलते हुए मुरली विजय ने करीब 39 के औसत से 3982 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में मुरली विजय के नाम 12 शतक और 15 अर्धशतक हैं. वनडे और टी20 में हालांकि मुरली विजय का करियर काफी छोटा रहा है.

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