हेपेटाइटिस ए और इ की रोकथाम में स्वच्छता पर दें विशेष ध्यान
एम्स ऋषिकेश में नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत तीन दिवसीय फिजिशियन प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न हुई। इस दौरान ट्रेनर्स की ओर से प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए प्रतिभागी चिकित्सकों को नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई।
कार्यशाला में एम्स निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि वायरल हेपेटाइटिस को राज्य में एक सामाजिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में खत्म करने के लिए फिजिशियंस का योगदान काफी महत्वपूर्ण है। लिहाजा हमें उम्मीद है कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बाद राज्य के अलग-अलग जिलों से आए डॉक्टर्स वायरल हेपेटाइटिस के मरीजों को सही व सुगम उपचार उपलब्ध करने में अधिक सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम सततरूप से जारी रखे जाएंगे और किसी भी तरह की सहायता के लिए एम्स ऋषिकेश और स्टेट वायरल हेपेटाइटिस मैनेजमेंट यूनिट, उत्तराखंड हमेशा चिकित्सकों के सहयोग के लिए उपलब्ध रहेगी। कार्यशाला में उत्तराखंड के नोडल ऑफिसर डॉ. अर्चना ओझा, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहित गुप्ता व डा. आनंद, माइक्रो बायोलॉजी के एडिशनल प्रो. डा. योगेंद्र मथूरिया, कम्युनिटी एंड फेमिली मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. अजीत सिंह भदौरिया, एम्स के एनाटोमी विभाग की असिस्टेंट प्रो. डॉ. पूजा भदौरिया बतौर मास्टर ट्रेनर शामिल रहे। हेपेटाइटिस के विभिन्न मामलों में किए गए अध्ययन की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। ट्रेनिंग में ईको (ईसीएचओ) के डिप्टी जनरल मैनेजर अरुण सेल्वराज ने बताया कि कैसे ईको इंडिया वायरल हेपेटाइटिस प्रोग्राम के संचालन में अपना योगदान दे रहा है। क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनिशिएटिव (सीएचएआई) से डॉक्टर पराग एवं रोली टंडन ने नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के हेल्थ मैनेजमेंट इन्फोरमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) के बारे में जानकारी दी। मौके पर डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. शिवांगी, डॉ. विनीत, डॉ. मोहम्मद नसीर, डॉ. हितेन जंगपांगी, डॉ. हेमा असवाल, डॉ. आकांक्षा नौटियाल, डॉ. प्रेम सिंह, डॉ. अमृता मेहंदीरत्ता, डा. अभिषेक आदि मौजूद रहे।