वन्यजीवों के मूवमेंट की जानकारी दी
रामपुर रोड स्थित फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एफटीआई) में मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। गुरुवार को एफटीआई में प्रेसवार्ता के दौरान डायरेक्टर डॉ. तेजस्वनी पाटिल ने बताया कि एफटीआई में पश्चिमी बंगाल के 42 रेंजर व उत्तराखंड के 100 फारेस्ट गार्ड को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग ले रहे रेंजर व फॉरेस्ट गार्ड को पीपल पड़ाव, फतेहपुर रेंज व नंधौर के जंगलों में ले जाकर वन्यजीवों के मूवमेंट की जानकारी दी गई। निशानेबाज विशेषज्ञ आशीष दास गुप्ता, विशेषज्ञ शूटर राजीव सोलोमन व सैयद अली बिन हैदी ने अहम जानकारियां साझा कीं।
वन्यजीव संघर्ष रोकने को खुल सकता है इंस्टीट्यूट
फॉरेस्ट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए नए इंस्टीट्यूट की स्थापना हो सकती है। इसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) में तैयारियां चल रही हैं। डॉ. तेजस्विनी पाटिल ने बताया कि इस तरह का इंस्टीट्यूट खोलने के लिए हमारे पास पर्याप्त जगह है। ट्रेनिंग के लिए जरूरी जंगल उपलब्ध है