जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगम चुनावों के लिए कांग्रेस और भाजपा ने प्रत्याशियों को टिकट देने के लिए तैयारियां शुरू की
निकाय चुनाव के ऐलान के बाद अब कांग्रेस में जल्द ही प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रत्याशियों का फीडबैक कैसे लिया जाएगा? बड़ा सवाल है, क्योंकि पार्टी में न तो प्रदेश, न जिला और न ही ब्लॉक स्तर बीते तीन महीनों में कोई नियुक्ति हुई है।
ऐसे में जब संगठन में किसी के पास कोई पद ही नहीं तो पार्टी फीडबैक के लिए निचले स्तर पर किसी की जिम्मेदारी कैसे तय करेगी। यदि फीडबैक प्रक्रिया में कोई खामी रही तो पार्टी किस पर कार्रवाई करेगी।
राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब 90 दिन से संगठन नियुक्तियों का इंतजार कर रहा है। यदि पार्टी 15 जुलाई से पूर्व की कार्यकारिणी को ही फीडबैक की जिम्मेदारी देती है तो यह स्ट्रक्चर तो सचिन पायलट का खड़ा किया हुआ है।
सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद प्रदेश, जिला व ब्लॉक कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया था। इसे देखते हुए ही राजस्थान कांग्रेस के तत्कालीन प्रभारी अविनाश पांडे ने प्रदेश, जिला व ब्लॉक स्तर पर सभी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया था। उम्मीद की जा रही थी कि निकाय चुनावों से पहले राजस्थान कांग्रेस के संगठन में कुछ नियुक्तियां कर ली जाएंगी लेकिन अब इसकी संभावना भी कम ही है।
- संगठन में नई नियुक्तियां होंगी लेकिन इसकी तारीख अभी तय नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के सेनापति निकाय चुनावों में बिना सेना के ही मैदान में उतरेंगे। हालांकि डोटासरा दावा कर रहे हैं कि लोगों में कांग्रेस को लेकर रुझान है और पार्टी सभी निकायों में चुनाव जीतेगी। डोटासरा कहना है कि संगठन में नियुक्ति नहीं है इससे कांग्रेस की चुनावी तैयारियों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। प्रत्याशियों के फीडबैक के लिए जल्द ही ऑब्जर्वर भी तैनात कर दिए जाएंगे। – गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेशाध्यक्ष
- कौन प्रत्याशी टिकट की योग्यता रखता है इसकी जानकारी सभी को होती है और पहले जो टीम थी उससे फीडबैक लिया जाएगा भले ही वह किसी के कार्यकाल में भी तैनात हुई हो लेकिन हैं तो सभी कांग्रेस के कार्यकर्ता। – महेश जोशी, मुख्य सचेतक
इधर, बीजेपी थ्री-लेयर सिस्टम से तय करेगी प्रत्याशियों के टिकट
बीजेपी ने नगर निगम चुनाव के लिए थ्री लेयर सिस्टम तय किया है। इस सिस्टम के तहत ही जयपुर, जाेधपुर और काेटा नगर निगमाें में टिकट वितरण किया जाएगा। विधायक, विधायक प्रत्याशी और सांसदाें की रायशुमारी पर टिकट वितरण पूरी तरह निर्भर नहीं रहेगी।
पार्टी ने ऐसा इसलिए किया है ताकि जनता की भावना के विपरीत टिकट वितरण नहीं हाे जाए। साथ ही टिकट वितरण के बाद उठने वाले विवाद, आराेप प्रत्याराेप से भी काफी हद तक मुक्ति मिल सकें। माना जा रहा है कि नामांकन के एक दिन पहले या नामांकन के दिन ही उम्मीदवाराें की सूचियां जारी हाेगी। पार्टी ने संभागवार प्रभारी नियुक्त कर रखे है। इनके साथ जिलेवार प्रभारी और नगर – निगम वार प्रभारी मिलकर काम करेंगे।
इनमें विधायक, सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं कैडर के नेता काम संभाल रहे है। चूंकि संभाग व जिलावार प्रभारी नियुक्त है। ऐसे में छह नगर निगमाें के प्रभारी की घाेषणा संभवत साेमवार काे करके स्क्रीनिंग की दिशा में काम शुरू करा दिया जाएगा। इस थ्री लेयर से प्राप्त सूची काे आधार मानकर ही संगठन टिकट वितरण की दिशा में काम कराएंगा।
कार्यालय में नहीं मिले ताे पूनियां के घर पहुंचे दावेदार
बीजेपी कार्यकर्ता टिकट दावेदारी को लेकर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां के घर पहुंच गए और बायोडाटा साैंपे। कार्यकर्ता बीजेपी ऑफिस भी गए थे लेकिन पूनियां के घर पर हाेने की सूचना पर लाेग घर पहुंच गए।
यह है थ्री लेयर : संभाग प्रभारी, जिला प्रभारी व निगम प्रभारी, छह नगर निगमाें के लिए प्रभारी तय हाेंगे आज
- पार्टी ने थ्री लेयर सिस्टम टिकट वितरण के लिए तय किया है। टिकट वितरण में ये मजबूत आधार बनेगा। थ्री लेयर सिस्टम के तहत तीन प्रभारियाें की सहमति से ही प्रत्याशी के नाम पर चर्चा हाेगी और वाे नाम संगठन तक पहुंचेगा। इसके बाद संगठन सूचियाें काे फाइनल रूप देगा। नामांकन शुरु हाेने के एक – दाे दिन पहले या बाद में उम्मीदवाराें की सूचियां जारी की जा सकती है। – सतीश पूनियां, प्रदेशाध्यक्ष बीजेपी