विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल में विचार गोष्ठी आयोजित
अल्मोड़ा। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल में गोष्ठी हुई। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में अवसाद और एकाकीपन बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी प्रकार के अवसाद को नजरअंदाज न करें।
मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रवि शंकर मिश्रा ने कहा कि डिमेंशिया और अनिद्रा जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञों ने बताया कि जीवन में व्यस्त रहने से कई बीमारियों से मुक्ति पाई जा सकती है। वहां पर जिला अस्पताल की प्रभारी पीएमएस डॉ. कुसुम लता, डॉ. अखिलेश, डॉ. प्रियांशु डेनियल, डॉ. रितिका आदि थीं। इधर, करबला स्थित आईक्यू अस्पताल में हुई गोष्ठी में पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉ. जेसी दुर्गापाल ने कहा कि अत्यधिक तनाव के कारण हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं और असंतोष और अवसाद का शिकार व्यक्ति हो जाता है। वहां पर भुवन, भावना, सुंदर, बालम, सुरेश, मनोज सनवाल, रीता दुर्गापाल आदि थीं।
योग और ध्यान को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
बागेश्वर। सीएमओ डॉ. सुनीता टम्टा ने मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए योग और ध्यान को दिनचर्या का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया है। अपने कार्यालय में संवेदीकरण कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ ने कहा कि मानसिक रोगों के विषय में खुलकर बात करनी चाहिए ताकि समय इलाज किया जा सके। वहां पर एसीएमओ डॉ. हरीश पोखरिया, एनएचएम कर्मी आदि थे।