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श्रीनगर मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के बाद पीजी सीटों की संख्या हुई 47

श्रीनगर गढ़वाल :  श्रीनगर मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के बाद तीन वर्षीय पीजी कोर्स करने के लिए चिकित्सकों को 47 सीटें विभिन्न विभागों में उपलब्ध हो गयी है। जो पहाड़ के मेडिकल कालेज के लिए एक विशिष्ट उपलब्धि भी मानी जा रही है।

मेडिकल कालेज में पीजी सीटें मिलने से मेडिकल कालेज से संबद्ध अस्पताल में रोगियों के उपचार की व्यवस्था भी बहुत सुदृढ़ हो जाती है। पीजी कोर्स के लिए 47 चिकित्सक अब उपलब्ध हो जाने से बेस अस्पताल श्रीकोट श्रीनगर में भी उपचार व्यवस्था काफी प्रभावी हो जाएगी।

श्रीनगर मेडिकल कालेज के प्राचार्य और कम्युनिटी मेडिसन विशेषज्ञ प्रोफेसर डा. चंद्रमोहन सिंह रावत के विशेष प्रयासों से पहाड़ के इस कालेज को यह उपलब्धि हासिल हुई है। उम्मीद है कि त्वचा रोग विभाग में भी पीजी की तीन सीटें मिल जाएंगी। जिससे पीजी की कुल सीटों की संख्या 50 हो सकती है।

प्राचार्य डा. रावत का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के विशेष प्रयासों और दिशा-निर्देशन से यह विशिष्ट उपलब्धि हासिल हुई है। जिसमें मेडिकल कालेज के सभी विभागों की फैकल्टी और कर्मचारियों के साथ ही पैरामेडिकल स्टाफ का भी परिश्रम और सहयोग है।

बीते गुरुवार को मेडिकल कालेज के सर्जरी विभाग में तीन वर्षीय पीजी की तीन सीट, एनेस्थीसिया, मेडिसन और हड्डी रोग विभाग में दो-दो सीटें स्वीकृत हुई हैं। पीजी सीटों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होते देख मेडिकल कालेज में हर्ष और उल्लास का वातावरण बना भी देखा गया। दो साल पूर्व तक श्रीनगर मेडिकल कालेज में केवल एक विभाग एनाटमी में ही पीजी की सीट स्वीकृत थी।

प्रोफेसर डा. चंद्रमोहन सिंह रावत ने श्रीनगर मेडिकल कालेज के प्राचार्य पद का कार्यभार ग्रहण करते ही नान क्लीनिकल के साथ ही क्लीनिकल विभागों में भी पीजी सीटें स्वीकृत कराने को प्राथमिकता देते हुए युद्ध स्तर पर कार्य किया। क्षेत्रीय विधायक होने के नाते स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत भी इस अभियान में विशेष सहयोग देते रहे।

मेडिकल कालेज की फैकल्टी और स्टाफ के सहयोग से नेशनल मेडिकल काउंसिल द्वारा पीजी सीटों के लिए पिछले एक साल में किए गए हर विभाग के हर निरीक्षण को प्राचार्य डा. रावत सफल करवाते रहे। जिसका परिणाम ही रहा कि मेडिकल कालेज के लगभग हर विभाग को पीजी की सीटें मिल गयी हैं, जो पहाड़ के मेडिकल कालेज के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि और रिकार्ड भी है।

सर्जरी, मेडिसन, ईएनटी, आर्थो, गायिनी, पीडिएट्रिक्स, एनेस्थैटिक, नेत्र रोग जैसे सभी क्लीनिकल विभागों में पीजी सीटें मिल जाने से मेडिकल कालेज का स्तर बढ़ने के साथ ही बेस अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था में भी गुणात्मक सुधार नजर आएगा। क्षेत्र की जनता और मेडिकल कालेज परिवार को अब केवल त्वचा रोग विभाग और रेडियोलाजी विभाग में पीजी सीटें मिलने का इंतजार है

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