हेपेटाइटिस-बी से बचाव की ‘बर्थ डोज’ देने में हापुड़ अव्वल

हापुड़, 09 दिसंबर, 2022। बच्चों के टीकाकरण के मामले में अच्छी खबर है। जन्म के समय हेपेटाइटिस -बी से बचाव के लिए दिए जाने वाले टीके के मामले में जनपद अव्वल आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया – नवंबर माह में इस टीके की कवरेज 99.58 प्रतिशत रही है। मेरठ मंडल के सभी छह जिलों में यह सबसे ज्यादा कवरेज है। सीएमओ ने इस उपलब्धि के लिए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वेदप्रकाश समेत टीकाकरण कार्यक्रम में लगे समस्त स्टाफ को शुभकामनाएं देते हुए इसी उत्साह से टीकाकरण जारी रखने के लिए कहा है।
सीएमओ डा. त्यागी ने बताया – विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के मुताबिक शिशु को जन्म के 24 घंटे में हेपेटाइटिस- बी से बचाव के लिए टीका दिया जाता है। इसे बर्थ डोज कहते हैं। यह शिशु के इम्यून सिस्टम को हेपेटाइटिस-बी वायरस से लड़ने के लिए तैयार करता है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटा, आईपीवी, मीजल्स-रूबेला, डीपीटी के अलावा गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया से बचाव का टीका दिया जाता है।
सीएमओ ने कहा नियमित टीकाकरण (आरआई) में किसी तरह की चूक न हो तो बच्चों का 12 गंभीर बीमारियों से बचाव हो जाता है। उन्होंने बताया -बच्चों के जीवन और सेहत के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और किफायती तरीका है। टीकाकरण न कराने पर शिशु के जीवन को खतरा भी हो सकता है। टीकाकरण 12 जानलेवा और घातक बीमारियों से बचाव के लिए सुरक्षा चक्र तैयार करता है। बेहतर सुरक्षा चक्र के लिए बच्चों को पांच वर्ष की उम्र तक सात बार में 10 टीके लगाए जाते हैं।
हेपेटाइटिस क्या है ?
मनुष्य के भोजन से विषाक्त पदार्थों को अलग करने का काम लिवर करता है। लेकिन वायरस के संक्रमण के कारण लिवर में सूजन आ जाती है और वह अपना काम नहीं कर पाता। यही हेपेटाइटिस है। यह दो प्रकार का होता है – हेपेटाटाइटिस-ए और हेपेटाइटिस-बी। संक्रामक होने के कारण यह संक्रमित रक्त और शरीर के तरल पदार्थों से भी फैलता है। सीएमओ ने बताया- इससे बचाव के लिए टीकाकरण बेहतर और कारगर उपाय है। हेपेटाइटिस-बी से बचाव के टीके की पहली डोज जन्म के 24 घंटे में दी जाती है। दूसरी डोज एक से दो माह में और तीसरी डोज छह से 18 माह के बीच दी जाती है