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सैंटोस ने पुर्तगाल फुटबॉल टीम के कोच का पद छोड़ा, जोस मोरिन्हो को मिल सकती है जिम्मेदारी

फर्नांडो सैंटोस ने गुरुवार को पुर्तगाल के कोच का पद छोड़ दिया। उन्होंने टीम के विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में मोरक्को से हार के बाद यह फैसला किया है। अब विवादास्पद जोस मोरिन्हो को पुर्तगाल का नया कोच बनाया जा सकता है। पुर्तगाल के फुटबॉल महासंघ ने एक बयान में कहा कि 68 वर्षीय सैंटोस के साथ एक समझौता किया गया था, “सितंबर 2014 में शुरू हुई सफल यात्रा अब खत्म हो रही है”। एफपीएफ ने कहा कि वह “अब अगले राष्ट्रीय कोच को चुनने की प्रक्रिया शुरू करेगा”। मीडिया रिपोर्ट् के अनुसार यूरो 2024 से पहले महासंघ मुरिन्हो को पुर्तगाल का नया कोच बनाना चाहता है।

पुर्तगाल फुटबॉल महासंघ एक समझौता करेगा, जिसके आधार पर मोरिन्हो को पुर्तगाल की राष्ट्रीय टीम के कोच की जिम्मेदारी दी जा सकती है। साथ ही वह इटली में अपने क्लब रोमा के लिए भी काम कर सकेंगे। रोमा के प्रशिक्षण शिविर में शामिल मोरिन्हो ने पुर्तगाल का कोच बनने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। यूरो 2024 के लिए क्वालीफाइंग राउंड मार्च में शुरू होगा।

कैसा रहा मोरिन्हो का रिकॉर्ड
पुर्तगाली कोच रुई जोर्ज (अंडर-21), एबेल फेरेरा (पल्मेरास), पाउलो फोंसेका (लिले), रुई विटोरिया (मिस्र) और जॉर्ज जीसस (फेनरबाहस) भी कोच के पद के दावेदारों में शामिल हैं। 59 वर्षीय मोरिन्हो ने अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग नहीं की है, लेकिन यूरोप के कुछ बड़ें क्लबों के लिए उनका रिकॉर्ड प्रभावशाली है। उन्होंने पोर्टो, चेल्सी को दो बार, इंटर मिलान, रियल मैड्रिड और मैनचेस्टर यूनाइटेड को एक बार मैनेज किया है।

मोरिन्हो ने चेल्सी के साथ तीन प्रीमियर लीग खिताब, इंटर में दो सीरी ए क्राउन और रियल में एक लीग जीती है। उन्होंने 2004 चैंपियंस लीग की जीत के लिए पोर्टो को भी कोचिंग दी और 2010 में इंटर मिलान के साथ इस उपलब्धि को दोहराया। इस साल मई में, उन्होंने रोमा को यूरोपा कॉन्फ्रेंस लीग का खिताब दिलाया, जो क्लब की पहली बड़ी यूरोपीय ट्रॉफी थी। यह उनका पांचवां यूरोपीय खिताब था और उन्हें सभी मौजूदा यूईएफए प्रतियोगिताओं को जीतने वाला पहला कोच बना दिया। रोमा में मोरिन्हो का अनुबंध 2024 तक है। टीम वर्तमान में सेरी ए में सातवें स्थान पर है और शीर्ष पर काबिज नेपोली से 14 अंक पीछे है।

शनिवार को कतर में इतिहास रचने वाले मोरक्को के हाथों 1-0 की हार के बावजूद सैंटोस इस बात पर अड़े हुए थे कि उन्हें पुर्तगाल के कोच पद से नहीं हटाया जाएगा। वह आठ साल से यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि हर कोई विश्व कप के दौरान उनके फैसलों से सहमत नहीं था, जिसमें बाद के मैचों में क्रिस्टियानो रोनाल्डो को बेंच पर छोड़ना शामिल था।

महासंघ की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा, “मैं अत्यधिक कृतज्ञता की भावना के साथ जा रहा हूं। जब आप एक समूह का नेतृत्व करते हैं, तो आपको कुछ कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं। यह सामान्य है कि मेरे द्वारा किए गए विकल्पों से हर कोई खुश नहीं होता है।”

सितंबर 2014 में पुर्तगाल के कोच बने सैंटोस ने यूरो 2016 में देश का पहला बड़ा खिताब जीताया और 2019 नेशंस लीग भी जीती। हालांकि, उनके कार्यकाल के दौरान 2018 विश्व कप और यूरो कप 2020 में पुर्तगाल की टीम अंतिम 16 से बाहर हो गई

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