एसटीएच: बीईएल कैथ लैब तैयार करने में करेगा आर्थिक मदद
हल्द्वानी। मेडिकल कॉलेज के अधीन सुशीला तिवारी अस्पताल में हृदय रोगियों के इलाज की सुविधा जुटाने की कवायद चल रही है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार भारत इलेक्ट्रिानिक्स लिमिटेड (बीईएल) सीएसआर फंड के माध्यम से कैथ लैब विकसित करने के लिए मदद देने को तैयार है। कैथ लैब को स्थापित करने के लिए जगह को लेकर संयुक्त निरीक्षण भी हो चुका है। अगले साल दिसंबर तक कैथ लैब को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
कुमाऊं के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में हृदय रोगियों के इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं है। वर्ष-2007 में एसटीएच में इसकी कोशिश की गई थी। डीएम कार्डियोलाजिस्ट को तैनात किया गया था लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। अस्पताल में कैथ लैब न होने के कारण हृदय रोगियों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी नहीं हो पाती है। ऐसे में यहां कैथ लैब विकसित करने की योजना बनाई गई है।
अब भारत इलेक्ट्रिानिक्स लिमिटेड एसटीएच में कैथ लैब विकसित करने के काम में मदद करने के लिए तैयार हो गया है। इससे पूर्व मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन को एनटीपीसी के सीएसआर फंड के माध्यम से स्थापित किया जा चुका। इससे रोगियों की जांच में काफी सुविधा मिली थी।
आईसीयू के पास कैथ लैब बनाने की योजना
हल्द्वानी। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार कैथ लैब विकसित करने के लिए साढ़े दस करोड़ के उपकरण आएंगे। इसके लिए बीईएल सीएसआर फंड के माध्यम से राशि उपलब्ध कराएगा। मेडिकल कॉलेज की ओर से एक प्रस्ताव भी बीईएल के पास पहुंच गया है। इसके लिए बीईएल सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गया है। कैथ लैब कहां पर स्थापित की जा सकती है, उसको लेकर बीईएल और मेडिकल कालेज के अधिकारियों का संयुक्त निरीक्षण भी हो चुका है। अधिकारियों ने प्रारंभिक तौर पर अस्पताल में आईसीयू के पास कैथ लैब के लिए जगह चिह्नित की है। जल्द ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब बनाने की योजना है। इसके लिए बीईएल सहयोग करने को सहमत है। बीईएल के अधिकारियों के साथ कैथ लैब स्थापित करने के लिए आईसीयू के पास जगह देखी गई है। अभी आगे की प्रक्रिया गतिमान है, इसमें समय लगेगा। कैथ लैब बनने से रोगियों के इलाज में काफी सुविधा होगी। – डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी