Rishikesh AIIMS: एम्स में मरीज के इलाज में अब नहीं होगी देरी, ‘पेशेंट रिसीविंग वे’ से मिलेगा तत्काल इलाज
ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश की इमरजेंसी इमरजेन्सी में पेशेन्ट को रिसीव करने में अब और आसानी हो सकेगी।
नई सुविधा से मरीज के इलाज में विलम्ब नहीं होगा और उसे तत्काल इलाज की सुविधा मिल सकेगी। अस्पताल की सुविधाओं में इजाफा करते हुए मंगलवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक डा. मीनू सिंह ने इमरजेन्सी विभाग का विस्तारीकरण कर ‘पेशेंट रिसीविंग वे’ का उद्घाटन किया गया
आपात स्थिति के मरीजों के इलाज में समय की महत्ता को देखते हुए एम्स ऋषिकेश ने मंगलवार से इमरजेन्सी विभाग की व्यवस्थाओं में बदलाव कर मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ा दी हैं। सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होने से जहां इमरजेन्सी गेट तक पहुंचने वाले मरीज का अब बिना समय गंवाए तत्काल इलाज शुरू किया जा सकेगा, वहीं इमरजेन्सी विभाग में एक ही समय में अब एक साथ 40 मरीजों को देखा जा सकेगा
संस्थान की कार्यकारी निदेशक डा. मीनू सिंह ने मंगलवार को नई व्यवस्था के तहत इमरजेन्सी के ‘पेशेंट रिसीविंग वे’ का उद्घाटन किया। उन्होंने इस सुविधा को मरीजों के लिए बहुलाभकारी बताया। निदेशक डा. मीनू सिंह ने बताया कि नई व्यवस्था से पेशेन्ट को अस्पताल की इमरजेन्सी में रिसीव करने और उसे ट्रॉयज करने में आसानी होगी।
साथ ही बहुत ही कम समय में आपात स्थिति के मरीज का तत्काल इलाज शुरू किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इमरजेन्सी का नया एरिया पूर्ण तौर से सीसीटीवी की निगरानी में है, इसलिए अब मरीजों के इलाज और स्टाफ द्वारा मरीजों के साथ किए जाने वाले बर्ताव को भी मॉनिटर किया जा सकता है।
नई व्यवस्था के तहत ‘पेशेंट रिसीविंग वे’ में अब मॉनिटर की सुविधा युक्त छह वेन्टिलेटर बेड और चार रिसेसिटेशन बेड बढ़ाए गए हैं। बेड बढ़ाए जाने से अब एम्स की इमरजेन्सी में बेडों की संख्या 40 हो गयी है। उल्लेखनीय है कि अभी तक एम्स की इमरजेन्सी में कुल 30 बेडों की व्यवस्था थी। इनमें 12 बेड रेड एरिया और 12 बेड येलो एरिया के अलावा गंभीर मरीजों के लिए छह आइसीयू बेड शामिल हैं।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के उपनिदेशक (प्रशासन ) ले. कर्नल एआर मुखर्जी, डीन एकेडेमिक प्रोफेसर जया चतुर्वेदी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. अमित त्यागी और इमरजेन्सी विभाग की एओडी डा. निधि केले सहित डा. पूनम अरोड़ा और डा. सुब्रह्यण्यम मौजूद थे।