5-स्टार होटल की तरह लखनऊ का ‘साई सेंटर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट ने यहां ट्रेनिंग ली, 10 साल में 50 कैंप, हर बार जीतकर खिलाड़ी लौटे
दिल्ली में कुश्ती फेडरेशन के खिलाफ धरना दे रही महिला खिलाड़ियों का एक आरोप है कि लखनऊ में जबरदस्ती ट्रेनिंग कैंप लगाया जाता है। हालांकि फेडरेशन कहना है कि पूरे देश में महिला खिलाड़ियों के लिए लखनऊ का साई सेंटर खास है।
अब इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने करीब 3 घंटे में 65 एकड़ में फैले साई सेंटर का दौरा किया। वहां की वास्तविक स्थिति को जाना तो पाया है कि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से ये सेंटर हर मानक पर खरा उतरता दिखता है।
लखनऊ के साई सेंटर पर महिला कुश्ती के लिए साल 2013 से कैंप लगना शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक छोटे-बड़े करीब 50 कैंप लगे हैं। यहां बने ट्रैक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के है। जहां एक साथ 6 महिला खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकती है। साक्षी मलिक से लेकर विनेश फोगाट जैसी महिला खिलाड़ी यही से ट्रेनिंग लेने के बाद देश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं। यहां की दीवार पर मेडल जीतने वाली सभी महिला खिलाड़ियों की तस्वीर भी लगी हैं।
यहां सोना, स्टीम और आइस बाथ की सुविधा
ट्रेनिंग सेंटर पर ही सेहत को ध्यान में रखते हुए जिम से लेकर बाथ टब बनाया गया है। यहां 3 तरह की बॉथ खिलाड़ी ले सकते हैं। इसमें सोना बाथ, स्टीम बाथ और आइस बाथ की सुविधा है। यह तीनों ही बाथ विश्व स्तर के है। इसके अलावा कोच के लिए कार्यालय बना है। अच्छी बात यह है कि पूरा कार्यालय पारदर्शी है। ऐसे में वहां भी खिलाड़ियों के साथ कोई बदतमीजी की संभावना नहीं है।
हॉस्टल के कॉमन एरिया में हर जगह CCTV
महिला खिलाड़ियों के लिए जो हॉस्टल बना है, उसके कॉमन एरिया में हर जगह CCTV लगे हैं। 10 CCTV से गलियारा से लेकर किचन और मनोरंजन रूम हर जगह सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। इसके अलावा बाहर ही बर्फ के लिए मशीन लगी है। जहां से जरूरत पड़ने पर खिलाड़ी हर समय बर्फ ले सकता है।
5 स्टार होटल की तरह यहां कमरे
यहां की कमरे बड़े 5 स्टार होटल की तरह है। इसमें फ्री इंटरनेट से लेकर टीवी, एसी, स्टडी टेबल, चेंजिंग स्पेस तक दिया गया है। उसके अलावा कॉमन हॉल के पास वाशिंग मशीन रखी गई है। करीब 100 खिलाड़ी यहां के हॉस्टल में एक साथ रुक सकते है। सीनियर खिलाड़ियों का कमरा साल 365 दिन बुक रहते हैं। उदाहरण के लिए साक्षी मलिक के 116 नंबर कमरा बुक रहता है। इसमें ताला पड़ा रहता है। उनका सामान भी स्थायी तौर पर यहां रहता है। उसके अलावा विनेश फोगाट के लिए स्वीट रूम की व्यवस्था की गई है। इसमें एक गेस्ट रूम साथ में है। इनका तीसरी मंजिल पर 302 नंबर कमरा अलॉट है। यहां कार्यरत कर्मचारियों ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि यहां उनको हर समय VIP सुविधा दी जाती है।
बृजभूषण के कहने पर खाने में तड़के की व्यवस्था
यहां खाना खाने के लिए जो कॉमन हॉल बना है। वो भी काफी अच्छा है। यहां 42 लोग एक साथ खाना खा सकते है। उनके लिए कुर्सी मेज लगे हुए हैं। किचन में सफाई और हाइजीन का पूरा ध्यान रखा जाता है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि यहां खिलाड़ियों को खाने में तड़का लगाने की सुविधा अलग से दी गई है। बृज भूषण शरण सिंह के कहने पर ही उनको यह सुविधा मिली है। पहले खिलाड़ी सीधे किचन के अंदर चले जाते थे। लेकिन, उनकी सुविधा के लिए पूरी व्यवस्था अलग की गई है।
यहां खिलाड़ी कभी शिकायत नहीं करते हैं…
साई सेंटर लखनऊ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर संजय सरस्वत ने बताया कि वह साल 2020 में यहां आए हैं। पिछले 3 साल में कभी किसी खिलाड़ी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। यहां का सेंटर देश के बाकी सेंटर से किसी भी मानक के हिसाब से कम नहीं है। हां तकनीकी तौर पर यहां कुश्ती की महिला खिलाड़ियों के लिए जो उपकरण और सुविधाएं है। वह दूसरे सेंटर पर नहीं है। इसकी बड़ी वजह यह है कि इसको महिला खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए ही बनाया गया था। यह महिला खिलाड़ियों का नोडल सेंटर है। जबकि सोनीपत में पुरुष खिलाड़ियों का नोडल सेंटर है।
वेट लिफ्टिंग में साउथ एशिया का सबसे बड़ा सेंटर
कुश्ती के अलावा बाकी खेल के लिए भी विश्व स्तर की सुविधा वाले हैं। वेट लिफ्टिंग में ये साउथ एशिया का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर है। यहां एक साथ 70 खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकते है। उनकी प्रैक्टिस के लिए जो उपकरण इस्तेमाल होते हैं। वो ओलिंपिक के मानक के हिसाब से होते है। संजय सरस्वत बताते हैं कि अभी जूनियर टीम तमिलनाडु गई थी, जहां से 29 मेडल जीतकर लाई है। इसमें 16 राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी यहां के खिलाड़ियों ने बनाया है।
खिलाड़ियों का होता भव्य स्वागत
यहां खिलाड़ियों का भव्य स्वागत भी होता है। संजय बताते हैं कि पिछली बार विनेश और बाकी खिलाड़ी कॉमन वेल्थ के लिए गए थे। तो उनको काफी जोश के साथ विदा किया गया था। इसके साथ जब वो मेडल जीतते हैं तो भी उनका स्वागत भव्य तरीके से किया जाता है।