अल्मोड़ा: रानीखेत के नाम से चलती रहेगी चिलियानौला नगरपालिका या हटेगा रानीखेत
रानीखेत/अल्मोड़ा। रानीखेत छावनी की जिस सिविल एरिया को नगरपालिका बनाने के लिए लंबे समय से जद्दोजहद चल रही थीए छावनी परिषद चुनाव की घोषणा ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। प्रावधान है कि पास की नगरपालिका अथवा पंचायत में कैंट की सिविल एरिया को मिलाया जा सकता है इसलिए 2016 में चिलियानौला को नगर पालिका बनाया गया और नाम दिया गयाए रानीखेत चिलियानौला नगर पालिका परिषद। उम्मीद थी कि सिविल एरिया जल्द चिलियानौला नगर पालिका का हिस्सा बन जाएगी। दो साल पहले यह उम्मीद जगी थी। इस बीच देश की कुछ कैंटों की सिविल एरिया को नगर निकायों में मिलाया गया था। अब चुनाव की घोषणा के बाद देखना यह है कि चिलियानौला नगर पालिका से रानीखेत का नाम हटेगा या नहीं।
छावनी के जटिल अधिनियमों के चलते छावनी के अधिकतर लोग परेशान हैं। वहां न आसानी से मकान बनाने की अनुमति मिलती है और न ही मरम्मतए सुधारीकरण की। लोग 1955 से ही अंग्रेजों के काले कानूनों से निजात दिलाने की मांग कर नगर पालिका बनाने की मांग कर रहे हैं। अभी तक यह मांग अधूरी है। इस बीच कई बार सिविल एरिया का सर्वे भी हुआ। सिविल एरिया की 161ण्511 एकड़ भूमि भी चयनित कर ली गई। जांच में पता चला कि कैंट की सिविल एरिया तभी नगर पालिका में शामिल हो सकती है जब पास में कोई नगर पालिका पंचायत हो।
दबावों के बीच 2016 में तत्कालीन राज्य सरकार ने चिलियानौला को नगर पालिका घोषित कर दिया। इसका उद्देश्य यही था कि धीरे.धीरे सिविल एरिया की इस भूमि को चिलियानौला पालिका में शामिल किया जाएगा। इसीलिए नाम भी रानीखेत चिलियानौला नगर पालिका परिषद रखा गया। 2020 में जब छावनी परिषद का कार्यकाल खत्म हुआ तो उसके बाद कैंट एक्ट में संशोधन और सिविल एरिया को नगर निकायों में शामिल करने की उम्मीद भी थी। इसी बीच अंबाला सहित कुछ छावनी परिषदों के हिस्सों को नगरपालिका में शामिल कर लिया गया था लेकिन ऐन वक्त पर यहां चुनाव की घोषणा हो गई। अब देखना है कि चिलियानौला पालिका रानीखेत के नाम से चलती है या नहीं।
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अभी कार्यालयों में नहीं पहुंचा चुनावी शेड्यूल
रानीखेत। छावनी परिषद चुनाव की घोषणा होने के बाद सोमवार को कार्यालय में चुनाव संबंधी कोई कार्य नहीं हो सका। राजस्व अधीक्षक राजेंद्र पंत ने बताया कि अभी शेड्यूल नहीं आया है। चुनावी प्रक्त्रिस्या वैसे भी चार मार्च से शुरू होनी है। 30 अप्रैल को मतदान और एक मई को परिणाम घोषित होने हैं। 2011 की जनसंख्या के अनुसार रानीखेत कैंट में इस बार भी 9890 मतदाता हैं