21 घंटे के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ सदन, विनयोग विधेयक पारित, विपक्ष का वॉकआउट
गैरसैंण, नेता सदन व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बजट पर चर्चा का जवाब देने के बाद उत्तराखंड के वर्ष 2023-24 के 77407 करोड़ के विनयोग विधेयक को सदन ने मंजूरी प्रदान कर दी। देर रात तक बजट प्रस्ताव पर चर्चा और विभागीय अनुदान मांग समेत विपक्ष के वाकआउट के बीच विनियोग विधेयक को मंजूरी दी गई। इस बजट में कई नई योजनाओं के लिए प्रविधान किए गए हैं। वहीं पहले से ही चल रही योजनाओं के लिए भी धनराशि की व्यवस्था की गई है
बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सर्वस्पर्शी व समग्र दृष्टिकोण का बजट है। वहीं विपक्ष ने बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा कि इसमें केवल केंद्र सरकार की प्रशंसा की गई है। इसमें राज्य के हित नजरंदाज किए गए हैं।
बजट को दृष्टिपत्र के आधार पर बनाया
गुरुवार को सामान्य बजट पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से लगाव किसी से छिपा नहीं है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखंड तेजी से विकास कर रहा है। सरकारी कार्यप्रणाली के सुधार के लिए प्रदेश में कई कदम उठाए जा रहे हैं। बजट को दृष्टिपत्र के आधार पर बनाया गया है। इसमें रोजगार, स्वरोजगार, शिक्षा, नारी सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, आधारभूत सुविधाएं, चिकित्सा, युवा कल्याण, कृषि, ऊर्जा, उद्योग व सिंचाई जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। यह बजट नहीं, बल्कि नए उत्तराखंड को बनाने का अर्थसंकल्प है।
शुरुआत में विपक्ष ने उठाए सवाल
चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट से बड़ा कर्ज का आकार हो गया है। प्रदेश पर एक लाख करोड़ से अधिक का कर्ज हो गया है। सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने को तैयार नहीं है। महिला अपराध को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। पेयजल की समस्या के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है। सरकार ने 22 हजार पदों पर भर्ती की बात कही थी इसके सापेक्ष बात 1728 पदों पर ही भर्ती हुई है। राज्य में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। राज्य में 70 प्रतिशत युवाओं को कानून बनाकर रोजगार मिलना चाहिए।
बजट में सभी वर्गों का विशेष ध्यान
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बजट में सभी वर्गों का विशेष ध्यान रखा गया है। सरकार सबका साथ, सबका विकास के मूलमंत्र पर आगे बढ़ते हुए प्रदेश के सर्वांगीण विकास का बजट लाई है। बजट चर्चा में कांग्रेस की ओर से सुमित हृदयेश, भुवन कापड़ी, अनुपमा रावत, गोपाल राणा, वीरेंद्र कुमार आदि ने अपने विचार रखे।
वहीं सत्ता पक्ष की ओर से शिव अरोड़ा, बृजभूषण गैरोला, रामसिंह कैड़ा, सरिता आर्य, किशोर उपाध्याय आदि ने अपने विचार रखे। अनुदान मांगे और विनियोग विधेयक पारित होने के बाद सदन अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
कांग्रेस ने किया वॉकआउट
मुख्यमंत्री के बाद जब नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य अपनी बात रख रहे थे तो सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि नेता सदन का भाषण हो चुका है और नेता प्रतिपक्ष बार-बार अपनी बातों को दोहरा रहे हैं। इस बात पर कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष पर विपक्ष की बात दबाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेसी विधायक पीठ के समक्ष आए गए। हंगामे के बीच विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
सदन का समय बढ़ाने का अनुरोध
कांग्रेस ने सुबह प्रश्नकाल के बाद सदन का समय बढ़ाने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि तीन दिन सत्र के लिए कम हैं। ऐसे में इसकी चर्चा के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए।
इंदिरा हृदयेश की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने का अनुरोध
कांग्रेसी विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में स्व. इंदिरा हृदयेश का स्मरण करते हुए कहा कि सभी उन्हें संसदीय कार्यों के ज्ञाता के रूप में जानते थे। सरकार ऐसा ऐसा कोई संस्थान या सरकार जो उचित समझे उनके नाम पर रखे ताकि उनकी याद चिरस्थायी रह सके।
विभागवार पारित बजट
विभागवार बजट (राशि हजार में)
निर्वाचन – 817090
वित्त कर नियोजन, सचिवालय व अन्य- 143029706
आबकारी – 812601
सहकारिता – 3441824
सिंचाई – 14404240
पर्यटन- 3020476
औद्यानिक विकास – 8133646
शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण, संस्कृति – 104595530
वन – 10815887
जलापूर्ति, आवास एवं नगर विकास – 25256911
कृषि – 12941557
परिवहन – 4537226
समाज कल्याण, अनुसूचित जाति – 20806102
समाज कल्याण, अनुसूचित जनजाति- 6150317
पशुपालन – 6174360
श्रम एवं रोजगार – 5528651
समाज कल्याण, कल्याण योजनाएं – 28502451
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति – 9301178
विधानसभा – 929073
मंत्रिपरिषद – 1097321
न्याय प्रशासन – 6165770
राजस्व एवं सामान्य प्रशासन- 31808489
लोक सेवा आयोग – 198201
पुलिस एवं जेल – 25618809
चिकित्सा एवं परिवार कल्याण- 42178732
सूचना – 1403359
ग्राम्य विकास – 32725302
ऊर्जा – 12513369
लोक निर्माण विभाग – 27805310
उद्योग – 4613133
21 घंटे 36 मिनट चला सदन
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चार दिवसीय बजट सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही 21 घंटे 36 मिनट चली। सत्र में विनियोग विधेयक समेत कुल 13 विधेयक पारित हुए। गुरुवार देर रात सत्र के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि सत्र में प्रदेश व जनहित से जुड़े अनेक विषयों पर गंभीर चिंतन-मनन किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने बताया कि सत्र के लिए विधायकों के कुल 603 प्रश्न प्राप्त हुए थे। इनमें से आठ अल्पसूचित प्रश्नों में से एक उत्तरित हुआ। 180 तारांकित प्रश्नों में से 46 और 380 अतारांकित प्रश्नों में से 197 उत्तरित हुए। 29 प्रश्न निरस्त किए गए। सत्र के दौरान एक दिन प्रश्नकाल में सभी प्रश्न उत्तरित हुए