कार्रवाई / नाडा ने जानकारी नहीं देने पर पहली बार पुजारा, जडेजा समेत 5 क्रिकेटरों को नोटिस भेजा, बीसीसीआई ने कहा- पासवर्ड की गड़बड़ी से देरी हुई
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने पहली बार नेशनल रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (एनआरटीपी) में शामिल पांच भारतीय क्रिकेटरों को नोटिस भेजा है। इसमें चेतेश्वर पुजारा, रविंद्र जडेजा, केएल राहुल के अलावा दो महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना और दीप्ति शर्मा शामिल हैं।
इन सभी ने व्हेयर अबाउट क्लॉज (रहने का स्थान) के तहत बीते तीन महीने की जानकारी डोपिंग एजेंसी को नहीं दी थी। बीसीसीआई ने अपनी सफाई में कहा कि पासवर्ड में हुई गड़बड़ी की वजह से खिलाड़ी जानकारी नहीं भेज पाए।
नाडा के डायरेक्टर जनरल नवीन अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी को बताया कि बीसीसीआई ने एनआरटीपी में शामिल 5 क्रिकेटरों द्वारा अपना पता नहीं भेजने पर ई-मेल भेजकर अपना रुख साफ किया है।
खिलाड़ी खुद भी ऑनलाइन जानकारी भर सकते हैं
डीजी अग्रवाल ने कहा,‘‘एंटी डोपिंग एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम (एडीएएमएस) सॉफ्टवेयर में व्हेयर अबाउट फॉर्म (रहने का स्थान) भरने के दो ही तरीके हैं। खिलाड़ी खुद या बोर्ड उनकी तरफ से यह फॉर्म ऑनलाइन भर सकता है। कुछ एथलीट इतने जानकार नहीं होते या उनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं होती कि वे खुद यर अबाउट क्लॉज से जुड़ी सारी जानकारी अपलोड कर पाएं। ऐसे में उन्हें संबंधित बोर्ड की मदद लेनी पड़ती है।’’
बीसीसीआई को क्रिकेटरों की जानकारी भेजनी थी: नाडा
उन्होंने आगे कहा, ‘‘क्रिकेटरों को भी कई बार इस प्रक्रिया को खुद पूरा करने में मुश्किल आती है। हालांकि, ज्यादातर क्रिकेटर पढ़े-लिखे होते हैं और तकनीक की जानकारी होती है। हो सकता है उनके पास फॉर्म भरने के लिए समय न हो। इसलिए बीसीसीआई ने इनके रहने की स्थान की जानकारी देने की जिम्मेदारी ली है।’’
‘बोर्ड के स्पष्टीकरण पर फैसला करेंगे’
इसके बाद भी बोर्ड ने इन खिलाड़ियों के तीन महीने की जानकारी क्यों नहीं अपलोड की? इस पर नाडा के डीजी ने कहा कि देखिए बीसीसीआई ने अपना स्पष्टीकरण भेजा है, जो हमें तर्कसंगत लग रहा है लेकिन इस पर भी फैसला लिया जाएगा। उन्होंने हमें बताया है कि सॉफ्टवेयर के पासवर्ड में गड़बड़ी की वजह से देरी हुई। हालांकि, अब इस समस्या को दूर कर लिया गया है।
खिलाड़ी 2 साल के लिए बैन हो सकता है
उन्होंने साफ कर दिया कि बीसीसीआई ने जो स्पष्टीकरण दिया है उस पर चर्चा जरूर होगी। यह देखा जाएगा कि इस नोटिस को व्हेयर अबाउट क्लॉज का उल्लंघन माना जाए या नहीं। नियमों के तहत एक साल में इस क्लॉज के तहत अगर तीन नोटिस जारी हो जाते हैं तो सुनवाई के बाद खिलाड़ी पर दो साल तक के लिए बैन लग सकता है।
बीसीसीआई पिछले साल नाडा के दायरे में आया
बीसीसीआई पिछले साल अगस्त में ही नाडा के दायरे में आया है। इससे पहले भारतीय बोर्ड स्वीडन स्थित इंटरनेशनल डोप टेस्टिंग मैनेजमेंट (आईडीटीएम) की मदद से क्रिकेटरों के सैम्पल लेती थी और फिर इसे नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी में भेजती थी। हालांकि, खेल मंत्रालय लंबे वक्त से इस पर आपत्ति जता रहा था। लंबे विवाद के बाद बोर्ड नाडा के अधीन आने को तैयार हुआ।
पहली बार नाडा ने भारतीय क्रिकेटरों को नोटिस भेजा
ऐसा पहली बार हुआ है जब डोपिंग एजेंसी ने भारतीय क्रिकेटरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें नोटिस भेजा है। पिछले तीन महीने से देश में लॉकडाउन था। इस दौरान किसी तरह की डोप टेस्टिंग नहीं हो रही है। इसके बावजूद आरटीपी में शामिल खिलाड़ियों को इस बात की जानकारी अनिवार्य तौर पर देनी होती है कि वह कहां रह रहे हैं। साल में 4 बार खिलाड़ियों को व्हेयर अबाउट क्लॉज भरना पड़ता है।
बोर्ड खिलाड़ियों से भी जानकारी देने को कह सकता था
बीसीसीआई के क्रिकेट ऑपरेशन से जुड़े जब वरिष्ठ पदाधिकारी से यह पूछा गया कि आखिर क्यों यह क्रिकेटर खुद व्हेयर अबाउट क्लॉज की जानकारी नहीं भर पाए तो उन्होंने कहा,‘‘यह लॉकडाउन का समय था और वे घर से बाहर नहीं रह रहे थे। इनमें से कुछ तो इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के साथ पॉडकास्ट भी कर रहे थे।
अगर बोर्ड को पासवर्ड ठीक करने में मुश्किल आ रही थी तो इन पांचों क्रिकेटरों को सीधे जानकारी भरने के लिए कहा जा सकता था और वे किसी की मदद से इसे भर सकते थे। उन्होंने कहा कि शायद इस बार नाडा नरमी बरतेगा लेकिन अगर यह अधिकारिक चेतावनी बन गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?