किसान बोले- सरकार आंदोलन को कमजोर करना चाहती है
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का आज 15वां दिन है। किसानों को मनाने के लिए 6 राउंड बातचीत के बाद सरकार की लिखित कोशिश भी बुधवार को नाकाम हो गई। इसके बाद किसानों ने आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया। वे अब देशभर में हाईवे जाम करने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता मंजीत सिंह ने कहा है कि सरकार हमारे आंदोलन को कमजोर करना चाहती है। लेकिन, इसमें शामिल होने के लिए बहुत सारे किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। हम दिल्ली के लोगों से भी सपोर्ट की अपील कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री बोले- किसान आंदोलन में चीन-पाकिस्तान का हाथ
सरकार कानून वापस नहीं लेने की जिद पर अड़ी है, तो किसान भी अपनी बात पर डटे हैं। बयानबाजी भी हो रही है। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे ने का कहना है कि किसानों के आंदोलन में पाकिस्तान का चीन का हाथ है। दानवे ने कहा कि पहले CAA और NRC को लेकर मुसलमानों को भड़काया गया। ये कोशिशें नाकाम रही तो, अब किसानों को उकसाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने यह बात बुधवार को औरंगाबाद में हेल्थ सेंटर के इनॉगरेशन प्रोग्राम में कही।
‘मंत्री का बयान किसानों की बेइज्जती’
केंद्रीय मंत्री के बयान पर ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने जवाब दिया है। उनका कहना है कि यह देश के किसानों की बेइज्जती है। किसान अपने हितों के लिए लड़ रहे हैं, उन्हें दूसरी ताकतें परेशान नहीं कर सकतीं।
किसानों को दूसरे प्रपोजल का इंतजार
सरकार ने कृषि कानूनों में बदलाव करने समेत 22 पेज का प्रपोजल बुधवार को किसानों को भेजा था, लेकिन बात बनने की बजाय ज्यादा बिगड़ गई। किसानों ने सरकारी कागज को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि अब जयपुर-दिल्ली और आगरा-दिल्ली हाईवे समेत तमाम नेशनल हाईवे जाम किए जाएंगे। अंबानी, अडानी के प्रोडक्ट का बायकॉट और भाजपा नेताओं का घेराव किया जाएगा। इस बीच सरकार के दूसरे प्रस्ताव का भी इंतजार रहेगा।
सरकार ने किसानों के 10 अहम मुद्दों में से सबसे बड़ी मांग यानी कृषि कानून रद्द करने की मांग को सिरे से ठुकरा दिया। 5 मुद्दों पर सफाई देने की बात कही और 4 मुद्दों पर मौजूदा व्यवस्था में बदलाव का भरोसा दिया।