पहले काम पूरा होने का और अब हस्तांतरण का इंतजार
चंपावत। गोरलचौड़ मैदान के पास नगर क्षेत्र में बने जिले के पहले प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम) को पहले काम पूरा होने का इंतजार था और अब हस्तांतरण का। इसकी वजह संस्कृति विभाग की ओर से लगाई गई कुछ आपत्तियों पर काम न होना है।
जिले के पहले प्रेक्षागृह को वर्ष 2008 में स्वीकृति के 13 साल बाद 2021 में पहला प्रेक्षागृह बनकर तैयार हुआ। 200 सीट की क्षमता वाले इस प्रेक्षागृह का उपयोग सांस्कृतिक कार्यक्रम, बैठक, गोष्ठी, चुनाव संबंधी प्रशिक्षण आदि बहुउद्देश्यीय कार्यक्रमों के लिए किया जाना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 11 मई को इसी प्रेक्षागृह में होने वाले एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे लेकिन दो करोड़ सड़सठ लाख रुपये से दो साल पहले बने इस प्रेक्षागृह का हस्तांतरण नहीं हो सका है और अब भी इसकी देखरेख इसे बनाने वाली संस्था सीएनडीएस ही कर रही है। हस्तांतरण न होने के कारण इस भवन का उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। संस्कृति विभाग के अधिकारी का अतिरिक्त दायित्व निभा रहे जिला पर्यटन एवं विकास अधिकारी अरविंद गौड़ का कहना है कि प्रेक्षागृह में कुछ काम होने बाकी हैं। इनके पूरा होने के बाद इसका हस्तांतरण कर लिया जाएगा।
नए कामों के लिए भेजा है 1.84 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
चंपावत। संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में साउंड सिस्टम, प्रोजेक्टर, अतिरिक्त कुर्सी, मेटिंग, सुरक्षा दीवार सहित कई और काम होने हैं। इसके लिए विभाग ने 1,84,23,000 रुपये का प्रस्ताव भेजा है। बजट मिलने के बाद इन कामों को शुरू किया जाएगा।
प्रेक्षागृह का काम विभाग ने पूरा कर लिया था लेकिन संस्कृति विभाग ने कुछ नए कामों का हवाला देकर इसे लेने से इनकार कर दिया। पिछले दो साल से विभाग ही इस भवन की देखरेख कर रहा है। – कन्हैया लाल, अपर सहायक अभियंता, सीएनडीएस, चंपावत