ई-रिक्शा बने यातायात व्यवस्था के लिए चुनौती,अब संचालन क्षेत्र और संख्या होगी तय
देहरादून, ई-रिक्शा का अनियंत्रित संचालन अब यातायात व्यवस्था के लिए चुनौती बन गया है। क्योंकि सामान्य वाहनों से आकार-प्रकार व वजन समेत रफ्तार में भिन्न होने के बाद भी आंतरिक मार्गों से लेकर राजमार्गों तक ये बेधड़क दौड़ रहे हैं। हालांकि, इन्हें मुख्य मार्गों से हटाकर कॉलोनियों के मार्गों पर संचालित करने की तैयारी है, लेकिन निर्णय में देरी हो रही है।
अब संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने ई-रिक्शा का संचालन तय करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कमेटी गठित कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। आरटीए के सचिव सुनील शर्मा के मुताबिक ई-रिक्शा का व्यवस्थित संचालन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व संभागीय परिवहन अधिकारी शामिल रहेंगे।
कमेटी तय करेगी कि ई-रिक्शा का संचालन क्षेत्र क्या होगा और इनकी संख्या भी तय की जाएगी, क्योंकि वर्तमान में ई-रिक्शा बेतहाशा संख्या में अनियंत्रित ढंग से दौड़ रहे हैं। इस आशय की रिपोर्ट स्वीकृति के लिए आरटीए को सौंपी जाएगी। इसके बाद ई-रिक्शा का नियमित पंजीकरण शुरू किया जाएगा।
संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि जिले में नवसृजित मार्गों पर वाहन स्वामियों को सार्वजनिक परिवहन सेवा के संचालन के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही समय-समय पर ऐसे मार्गों के विस्तार की दिशा में भी प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही दो मार्गों पर बसों का संचालन बंद किए जाने के चलते इन पर टाटा मैजिक के संचालन की संभावना के लिए सर्वे कराया जाएगा।
आरटीए की बैठक में तय किया गया है कि अब ट्रैवल एजेंसियों को अनिवार्य रूप से अपना पंजीकरण संबंधित संभाग में कराना होगा। इसके बाद ही संबंधित प्रतिष्ठान ट्रैवल एजेंसी के रूप में अपनी सेवा दे पाएंगे। ट्रैवल एजेंसी के पंजीकरण के दायरे में पांच या इससे अधिक वाहनों के स्वामी या ठेकेदार आएंगे।
विक्रम संचालकों को अतिरिक्त समय, रिक्तियों पर अन्य को परमिट पूर्व में आरटीए ने तय किया था कि देहरादून में संचालित किए जा रहे विक्रमों को छोटी ओमनी बस/टाटा मैजिक में प्रतिस्थापित किया जाएगा। हालांकि, इस बैठक में विक्रम संचालकों को इस प्रतिस्थापना के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा। इस अतिरिक्त अवधि में विक्रम संचालक छोटी ओमनी बस में शिफ्ट होने की कार्रवाई करेंगे। इसके बाद रिक्तियों के सापेक्ष प्राप्त आवेदन के क्रम में आमजन को परमिट प्रदान किए जाएंगे।
बैठक में यह बात भी प्रकाश में लाई गई कि सिटी बसों के कुछ मार्गों पर सेवा संचालित नहीं की जा रही। ऐसे में बस ऑपरेटर ने मांग उठाई की ऐसे मार्गों पर सेवा को बहाल रखने के लिए पुरानी बसों को अनुमति दी जाए। क्योंकि नई बसों की लागत काफी अधिक आ रही है। प्राधिकरण ने यह कहते हुए इस मांग को खारिज कर दिया कि प्रदूषण को कम करने के लिए ऐसे रूटों पर नई बस नीति के अनुरूप ही कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, ऐसे रूटों पर छोटी ओमनी बस/टाटा मैजिक को अनुमति देने पर भी मुहर लगाई गई।
संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में झाझरा-प्रेमनगर-रायपुर मार्ग पर संचालित अस्थाई परमिटों पर संचालित बस सेवा के रूट को विस्तार देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही 14 बसों के सापेक्ष अब 19 बसें संचालित की जाएंगी। इन बसों का संचालन शमशेरगढ़ व बालावाला तक किया जाएगा। इसके अलावा परेड ग्राउंड मार्ग पर संचालित छोटी ओमनी बसों के मार्ग का विस्तार मालसी पुलिया/भरतू चौक तक किए जाने का निर्णय लिया गया। संचालन रोटेशन के आधार पर किया जाएगा