पारिस्थितिकी की दृष्टि से एक्वापोनिक्स एक स्थायी माॅडल
पंतनगर। गहन शोध और नवाचार के साथ दीर्घकालीन सोच विकास के लिए अति आवश्यक है। एक्वापोनिक्स पारिस्थितिकी की दृष्टि से एक स्थायी माॅडल है जो एक्वाकल्चर के साथ बायोटेक की हाइड्रोपोनिक तकनीक को जोड़ता है। यह बात जैव प्रौद्योगिकी परिषद में आयोजित दो दिनी राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में आईसीएआर-शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशालय भीमताल के निदेशक डाॅ. प्रमोद कुमार पांडेय ने कहीं।
उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद (बायोटेक) एवं इंडियन सोसायटी ऑफ एनिमल प्रोडक्शन मैनेजमेंट की ओर से जैव प्रौद्योगिकी में आधुनिक चुनौतियां एवं अवसर, पशु उत्पादन में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका, जैव प्रौद्योगिकी में उद्यमिता विकास की संभावनाएं और वैज्ञानिक-कृषक संवाद पर विस्तार से चर्चा की गई।
बायोटेक के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने युवाओं को नवीन विचारों के प्रति प्रेरित व जागरूक करते हुए मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया व आत्मनिर्भर भारत के लिए वैज्ञानिकों व किसानों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही प्रयोगशाला से खेतों तक कृषि व पशुपालन में सामंजस्य बनाकर कार्य करने का आह्वान किया।
पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. एसपी सिंह ने बताया कि आज भी विश्व की 30 फीसदी जनसंख्या भुखमरी की समस्या से जूझ रही है। जिसका निदान जैव प्रौद्योगिकी आधारित फसलों के उत्पादन से ही संभव है। उन्होंने मिलेट्स को अच्छे पोषक व स्वास्थ्य का परिचायक बताया। कहा कि गुणवत्ता पूर्ण फसल उत्पादन से कुपोषण को कम किया जा सकता है।
डाॅ. आनंद प्रकाश चौधरी ने बताया कि भारत वैश्विक स्तर पर दुग्ध उत्पादन में पहले व मत्स्य में दूसरे स्थान पर है। भारत को पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए निर्यात में भागीदारी को बढ़ाना होगा। इसके लिए उद्यमिता और उद्योगों को बढ़ावा देना होगा।
कहा कि देश में 87 फीसदी से अधिक किसान ऐसे हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम भूमि है और वह बिना पशुपालन अपने आर्थिकी को सुदृढ़ नहीं बना सकते।
इस दौरान बायोटेक ने नैनो टेक्नोलॉजी से विकसित सैनिटाइजर भी लांच किया। सेमिनार पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। तकनीकी सत्र में परिषद व इंडियन सोसायटी ऑफ एनिमल प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट की ओर से संयुक्त रूप से पशु उत्पादन एवं प्रबंधन विषय पर पूर्व विभागाध्यक्ष एलपीएम डाॅ. डीवी सिंह व वैज्ञानिक जैव प्रौद्योगिकी भारत सरकार डाॅ. पीयूष गोयल ने प्रतिभागियों को पशुधन सुधार एवं पशु उत्पादों के सतत् विकास पर विस्तार से जानकारी दी।
संचालन मनदीप रावत और डाॅ. वीना पांडे ने आभार जताया। इस दौरान वैज्ञानिक डाॅ. कंचन कार्की, डाॅ. मणिन्द्र मोहन, डाॅ. सुमित पुरोहित, डाॅ. साक्षी पैन्यूली, डाॅ. ज्योति पलोद, डाॅ. एमएस पाल, डाॅ. जेपी जयसवाल, डाॅ. एके गौर आदि थे।