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पुराने डीएम कार्यालय के संरक्षण के लिए मिली दो करोड़ की वित्तीय स्वीकृति

पहाड़ी शैली में बना पुराना जिलाधिकारी कार्यालय भवन जल्द एक विरासत के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए शासन ने दो करोड़ की धनराशि की वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है।

अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1875 में जिलाधिकारी कार्यालय भवन का निर्माण हुआ था। वर्ष 2013-14 में पुराने भवन के सामने पं. दीनदयाल उपाध्याय पार्क में नया जिलाधिकारी कार्यालय भवन बनाने को लेकर तत्कालीन डीएम चंद्रेश यादव ने प्रस्ताव रखा। इसके विरोध के बावजूद न्यायालय के आदेश पर भवन निर्माण कार्य शुरू हुआ जो 2020-21 में बनकर तैयार हुआ। जनवरी 2022 में इस भवन में जिलाधिकारी कार्यालय शिफ्ट हुआ। पहाड़ी शैली के इस भवन को संरक्षित करने के लिए पूर्व जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने इसका प्रस्ताव तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने रखा था। जनवरी 2021 में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भवन को एक विरासत के तौर पर संरक्षित करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी फरवरी 2023 में इस भवन को हैरिटेज भवन बनाने की घोषणा की थी। अब भवन संरक्षित करने के लिए दो करोड़ की वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। डीएम डाॅ. आशीष चौहान ने कहा कि पुराना जिलाधिकारी कार्यालय पहाड़ी शैली का नायाब भवन है। भवन के संरक्षण का कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा। इस दिशा में लोनिवि निर्माण खंड पौड़ी के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं

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