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बैजनाथ और कपकोट में ट्रूनेट मशीन से होगी टीबी की जांच

बागेश्वर। उत्तराखंड को पहला टीबी मुक्त प्रदेश बनाने की मुहिम के तहत जिले का स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग ने तीनों विकासखंड के अस्पतालों में टीबी की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीन लगा दी हैं। अब तक केवल जिला अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध थी। अब बैजनाथ सीएचसी में आधुनिक मशीन से जांच होगी तो पहली बार कपकोट सीएचसी में भी लोग टीबी की जांच करा सकेंगे। टीबी या क्षय रोग को लेकर अब भी लोगों के मन में भ्रांतियां हैं। कई लोग बीमारी को बताने या इलाज कराने से कतराते हैं जबकि क्षय रोग का इलाज उपलब्ध है। क्षय रोग की रोकथाम के लिए सरकार कई कार्यक्रम चला रही है। जांच का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। अब तक केवल जिला अस्पताल में ट्रूनेट से टीबी की जांच की जाती थी। सीएचसी बैजनाथ में बलगम से टीबी की जांच की जाती थी रिजल्ट पाॅजिटिव आने पर कंफर्मेशन के लिए नमूने को जिला अस्पताल लाकर ट्रूनेट जांच करानी पड़ती थी। ट्रूनेट जांच शुरू होने के बाद मरीजों को रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कपकोट क्षेत्र से टीबी की जांच कराने वालों को भी जिला अस्पताल की दौड़ लगाने से निजात मिल गई है।

जिला क्षय रोग अधिकारी/डिप्टी सीएमओ डाॅ. हरीश पोखरिया ने बताया कि जिले में वर्तमान में 221 सक्रिय मरीज हैं। 108 परिवार के सदस्यों को दवा खिलाई जा रही है। समाज को टीबी मुक्त बनाने के लिए लोगों को जागरूक करने के साथ सुविधाओं का दायरा बढ़ाया जा रहा है। ट्रूनेट मशीन से जांच में मात्र सवा घंटे का समय लगता है और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तत्काल मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाता है।

जिले को 2024 तक हर हाल में टीबी मुक्त बनाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। लंबे समय तक खांसी रहने पर जल्द चिकित्सक से जांच कराना जरूरी है। चिकित्सक की निगरानी में नियमपूर्वक इलाज कराने पर क्षय रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। डॉ. डीपी जोशी, सीएमओ बागेश्वर।

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