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कार्तिकेयन मुरली ने रचा इतिहास, क्लासिकल चेस में मैग्नस कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय बने

भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर कार्तिकेयन मुरली ने खास उपलब्धि हासिल की है। 24 वर्षीय मुरली ने दुनिया के नंबर एक शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल चेस में हराया है। वह ऐसा करने वाले तीसरे भारतीय हैं। उनसे पहले सिर्फ पेंटाला हरिकृष्णा और विश्वनाथन आनंद ही ऐसा कर पाए थे। कार्तिकेयन ने टूर्नामेंट के सातवें दौर में जीत हासिल की, जहां उन्होंने काले मोहरों से खेलते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस महत्वपूर्ण जीत के साथ वह टूर्नामेंट में एसएल नारायण, जावोखिर सिंदारोव, डेविड परव्यान, अर्जुन एरिगैसी और नोदिरबेक याकुबोएव जैसे अन्य प्रमुख खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल हो गए, जिनमें से सभी ने 7 में से 5.5 का उल्लेखनीय स्कोर हासिल किया। तमिलनाडु के तंजावुर के रहने वाले मुरली दो बार के राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं। उन्होंने कार्लसन के खिलाफ कोई गलती नहीं की। टूर्नामेंट के छठे दौर में ईरान के परहम माघसूदलू के खिलाफ ड्रॉ के बाद उन्होंने शानदार जीत हासिल की। चेसबेस के अनुसार, कार्तिकेयन मुरली क्लासिकल गेम में मैग्नस कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय शतरंज खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले भारत के पेंटाला हरिकृष्णा ने 2005 में कार्लसन को हराया था, तब कार्लसन 14 साल के थे, और विश्वनाथन आनंद कार्लसन को हराने वाले एकमात्र अन्य भारतीय खिलाड़ी थे।
प्रगनाननंदा ने भी चेस में कार्लसन को बेहद परेशान किया है। यह भारतीय युवा खिलाड़ी कई मौकों पर कार्लसन को हरा चुका है। प्रगनाननंदा ने बेहद कम उम्र में यह कारनामा किया था। मौजूदा समय में भारतीय खिलाड़ियों ने शतरंज में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और फाइड की रैंकिंग में भी यह नजर आता है। भारत के अर्जुन और गुजराती भी लगातार अच्छा खेल दिखा रहे हैं। प्रगनाननंदा ने शतरंज विश्व कप में भी बेहतरीन खेल दिखाया था और फाइनल में पहुंचे थे। खिताबी मुकाबले में कार्लसन के खिलाफ उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और अंत तक दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर थी। टाई ब्रेक में भारतीय खिलाड़ी को हार झेलनी पड़ी।

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