अच्छे उत्पादन के लिए सिंचाई के साथ खरपतवार का प्रबंध जरूरी
मैदानी क्षेत्रों में गेहूं की बुआई का कार्य पूरा हो चुका है। गेहूं जमने लगी है। अब सिंचाई की आवश्यकता पड़ रही है। इधर, क्षेत्र में बारिश नहीं होने से किसान चिंतित हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की बुआई के बाद 15-25 दिन का समय बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान शीर्ष जड़ें निकलती हैं। इन्हीं जड़ों से फसल को पोषक तत्व मिलते हैं। किसानों को सिंचाई के साथ ही खतरपतवार का प्रबंधन करने की सलाह दी गई है।
क्षेत्र में करीब छह हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई होती है। मैदानी क्षेत्रों में 15 नवंबर के बाद किसान बुआई शुरू कर देते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ. संजय कुमार राठी ने बताया कि अच्छे उत्पादन के लिए वर्तमान में सिंचाई के साथ ही खरपतवार का प्रबंध जरूरी है। उन्होंने बताया कि गेंहू के जमने के बाद 15 से 25 दिन के बीच पहली सिंचाई जरूरी होती है। अभी तक क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है। उन्होंने कहा, रसायनों के प्रयोग से किसान खरपतवार प्रबंधन कर सकते हैं