कुमाऊं के सबसे बड़े जू-सफारी की सभी अड़चनें दूर, सीजेडए ने दी मंजूरी, सीएम की घोषणा में है शामिल
कुमाऊं के मेगा प्रोजेक्ट में से एक गौलापार के चिड़ियाघर और सफारी की सभी अड़चनें दूर हो गईं हैं। सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) ने इसे स्वीकृति दे दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं में शामिल इस प्रोजेक्ट की लेटलतीफी पर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के समक्ष नाराजगी भी जताई थी। तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत गौलापार में करीब चार सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में जू और सफारी बनाने की योजना बनी। इसका शिलान्यास अक्तूबर-2016 में हो गया। इस मेगा प्रोजेक्ट में बायो डायवर्सिटी पार्क, 50 बाघों-तेंदुओं को रखने के लिए बाड़ा, वन्यजीवों का अस्पताल, पक्षियों के ब्रीडिंग सेंटर से लेकर मानव- वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण केंद्र तक बनाने की योजना थी। इस महत्चाकांक्षी योजना के लिए वर्ष-2017 में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 17 करोड़ रुपये जारी भी कर िदए थे। पहले मामला वन भूमि हस्तांतरण की वजह से अटका फिर सीजेडए से मास्टर प्लान के एप्रूव्ड होने की शर्त भी पूरी होने की बात आई। अब सीजेडए ने संबंधित योजना का मास्टर प्लान स्वीकृत कर सशर्त अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसे लेकर 28 नवंबर को दिल्ली में बैठक हुई थी, जिसमें फैसला लिया गया था। अब सीजेडए ने अनुमति संबंधी पत्र जारी किया है। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव समीर सिन्हा का कहना है कि अब निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का लक्ष्य है। जू निदेशक संदीप कुमार का कहना है कि अब कोई भी औपचारिकता पूरी नहीं करनी है। योजना को गैर वानिकी नहीं माना गया है, इसके लिए वन भूमि हस्तांतरण की जरूरत भी नहीं होगी। संबंधित योजना के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी काफी रुचि दिखाई थी। जुलाई में बाघों के राज्यवार आंकड़े जारी किए जाने वाले दिन योजना का काम जल्द शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद शासन से लेकर जंगलात तक ने योजना को लेकर तेजी दिखाई।