भोपाल । ड्रेस पहनकर होनहार बेटी जब स्कूल जाने की लिए तैयार होती थी, तो गरीब माता-पिता की आंखों में सुनहरे सपने तैरने लगते थे। बेटी की तमन्ना पुलिस अफसर बनने की थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। पहले लड़कियों के जरिए जाल में फंसाने के बाद रसूखदारों ने उसका जिस्म नोंचना शुरू कर दिया था। कानून से न्याय दिलाने के नाम पर बेटी को सुरक्षा के नाम पर जिस ‘पिंजरे” में रखा गया, वही उसके लिए मौत का सबब बन गया। गुरुवार को भदभदा श्मशान घाट में बिलख रहे माता-पिता के स्वप्न बेटी की चिता में धू-धू कर जल गए।

ईदगाह हिल्स पर गरीब लोगों के लिए बनी मल्टी स्टोरी में रहने वाले परिवार का गुजारा माता-पिता की मजदूरी से होता था। वह किसी तरह अपने दो बेटियों और एक बेटे का पालन पोषण कर रहे थे। उनकी दूसरे नंबर की बेटी बचपन से ही कुशाग्र थी। मां-बाप को उस बेटी में अपने भविष्य के सुनहरे सपने दिखते थे। आठवीं तक पढ़ चुकी बच्ची के अरमान भी पुलिस अफसर बनने के थे। बालिका के पिता ने बताया कि परिवार की मजबूरी को जानते हुए बेटी ने कभी भी अपनी खुशी के लिए कभी भी किसी साधन की मांग नहीं की।

दरिंदों ने कब शिकार बना लिया, पता ही नहीं चला

यौवन की दहलीज की तरफ बढ़ रही किशोरी को एक युवती ने धीरे-धीरे अपने जाल में फंसा लिया था। इसके बाद उसे नर्क में धकेल दिया गया। किशोरी के चाचा ने बताया कि उसे इतना धमका दिया गया था कि वह कभी भी अपने बारे में कुछ भी नहीं बता पाती थी। जुलाई 2020 में मामला सामने आने के बाद उन्हें पता चला कि बेटी के साथ कितना बुरा हो रहा था। मामला दर्ज होने के बाद आरोपित प्यारे मियां को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उन्हें न्याय की उम्मीद बंधी थी।

मिलने नहीं दिया जाता था

बेटी के गम में बिलख रही मां ने रुंधे गले से बताया कि परिवार बेटी को घर में ही रखना चाहता था। इसके लिए वे लोग कई बार बाल कल्याण समिति के सामने गुहार लगा चुके थे, लेकिन सुरक्षा का हवाला देकर उनकी बात नहीं सुनी जाती थी। उनकी बेटी कभी बीमार ही नहीं पड़ती थी, तो उसे गोलियों की जरूरत कैसे पड़ गई? 15 जनवरी को बेटी से मिलने गए थे, तब भी वह पूरी तरह स्वस्थ थी। इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि बेटी की मौत हो गई। उसकी बच्ची को सबूत मिटाने के लिए जहर देकर मारा गया है। इस मामले में उसे न्याय मिलना चाहिए।