बाल संरक्षण आयोग ने गुज्जर समाज में हो रहे नाबालिग के विवाह को रुकवाया। इस दौरान टीम ने परिवार को उचित परामर्श के साथ ही नाबालिग को स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित किया। मंगलवार को बाल संरक्षण आयोग को सूचना मिली कि गुज्जर समाज में एक नाबालिग का विवाह किया जा रहा है। मौके पर पहुंची बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डाॅ. गीता खन्ना, सदस्य विनोद कपरवाण और मनोवैज्ञानिक ने नाबालिग का विवाह रुकवा दिया। नाबालिग की सगाई की तैयारी चल रही थी। दावत के लिए खाना बनाया जा रहा था। बारात बुधवार सुबह को आनी थी। परिजनों से पूछताछ के बाद पता चला कि नाबालिग अपने सभी बहन भाइयों में सातवें नंबर पर है। और उसकी बड़ी बहनों की शादी भी ऐसे ही छोटी उम्र में कर दी गई है। नाबालिग ने बताया कि पढ़ाई की कमी, स्वास्थ्य और पिता की बीमारी की वजह से उस पर भी शादी का दबाव बनाया जा रहा है। आयोग की अध्यक्ष डाॅ. गीता खन्ना ने नाबालिग के दवा और चिकित्सा के पर्चों की जांच कर उसे संपूर्ण और सही इलाज करने के बारे में सलाह दी। साथ ही परिवार के बुजुर्गों और नाबालिग की माता के साथ ही नाबालिग को स्वावलंबन के लिए प्रेरित किया। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया कि नाबालिग व परिजनों को समझाया गया है। बच्ची के इलाज के लिए ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के सीएमएस व शिक्षा के लिए खंड शिक्षा अधिकारी डोईवाला को निर्देशित किया जाएगा।