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रसरंग में मुसाफ़िर हूं यारो अगर फिटनेस अच्छी है तो एवरेस्ट बेसकैंप तक कर सकते हैं ट्रैक

दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत पर चढ़ना सभी के लिए संभव नहीं है, लेकिन इसके बेसकैंप तक किसी के लिए भी जाना संभव है। माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है, जबकि इसका बेसकैंप 5,300 मीटर की ऊंचाई पर है। हालांकि 5,300 मीटर यानी 17,400 फीट तक ट्रैकिंग करना भी आसान नहीं होता, लेकिन यदि आप नियमित रूप से ट्रैकिंग करते हैं या आपकी अच्छी फिटनेस है, तो आप एवरेस्ट बेसकैंप का ट्रैक कर सकते हैं।

एवरेस्ट बेसकैंप जाने के दो रास्ते हैं। एक है सड़क मार्ग से और दूसरा है फ्लाइट से। यदि आप फ्लाइट का उपयोग नहीं करना चाहते हैं तो आपको पहले काठमांडू से सलेरी जाना पड़ेगा। काठमांडू से सलेरी के लिए नियमित रूप से बसें चलती हैं। दूरी लगभग 260 किमी है और इसे तय करने में 10 से 12 घंटे लगते हैं। सलेरी और इसके पास स्थित फाफलू में खूब होटल हैं, जहां आप ठहर सकते हैं। फाफलू में एयरपोर्ट भी है, जहां काठमांडू से फ्लाइट्स आती हैं।

सलेरी से आगे कच्ची सड़क है, जो खारी खोला तक जाती है। यहां आपको शेयर्ड टैक्सियां मिल जाएंगी। खारी खोला से आगे ट्रैक शुरू होता है। आगे बहुत सारे गांव हैं और प्रत्येक गांव में आपको रुकने-खाने की सुविधा आसानी से मिल जाएगी। खारी खोला से लुकला के लिए 2 दिन का रास्ता है, लेकिन यदि आपको ट्रैकिंग का अनुभव है, तो आप इसे एक दिन में भी तय कर सकते हैं।

लुकला में एयरपोर्ट है, जहां काठमांडू से फ्लाइट आती है। एवरेस्ट जाने वाले ज्यादातर ट्रैकर्स यहां तक फ्लाइट से ही आते हैं और यहां से आगे अपनी ट्रैकिंग शुरू करते हैं। लुकला समुद्र तल से 2,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से एवरेस्ट बेसकैंप 56 किमी दूर है। आने-जाने का कुल 112 किमी का रास्ता पैदल ही तय करना होता है।

लुकला से नामचे बाजार 18 किमी दूर है। पूरा ट्रैक घने जंगलों से होकर गुजरता है, लेकिन हर जगह आराम करने और रुकने-खाने की सुविधा मिल जाती है। रास्ता बहुत अच्छा बना है और अंतरराष्ट्रीय पहचान होने के कारण हमेशा खूब चहल-पहल रहती है। नामचे बाजार एक अच्छा विकसित कस्बा है और यहां बिजली-पानी समेत हर सुविधा मिल जाती है। यदि आप आगे ट्रैक के लिए कोई खरीदारी करना चाहते हैं, तो नामचे बाजार में कर सकते हैं।

नामचे बाजार से आगे रास्ता उतराई वाला है। थोड़ा ही आगे सनासा गांव है, जहां से गोक्यो झीलों के लिए ट्रैक अलग होता है। सनासा से आगे दूधकोशी नदी पार करके इम्जा खोला नदी के साथ-साथ ट्रैक चलता है। इम्जा खोला नदी खुंबू ग्लेशियर से आती है। नामचे बाजार से 20 किमी का सफर तय करके आप डिंगबोचे पहुंच जाते हैं। यह समुद्र तल से 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और साफ मौसम में यहां से एवरेस्ट शिखर देखा जा सकता है।

डिंगबोचे से 15 किमी आगे गोरकक्षेप नामक गांव है और इस ट्रैक का अंतिम गांव है। यहां से एवरेस्ट बेसकैंप केवल 3 किमी दूर रह जाता है। जब आप गोरकक्षेप से बेसकैंप की तरफ बढ़ते हैं, तो आप खुंबू ग्लेशियर के साथ-साथ चल रहे होते हैं। इस ऊंचाई पर ठंड बहुत होती है और कई अन्य ग्लेशियर भी खुंबू में मिल रहे होते हैं।

एवरेस्ट बेसकैंप खुंबू ग्लेशियर के ऊपर स्थित है। आम लोगों को केवल यहीं तक जाने की अनुमति होती है। इससे आगे यानी एवरेस्ट चोटी तक केवल प्रशिक्षित पर्वतारोही ही जा सकते हैं।

परमिट जरूरी

एवरेस्ट बेसकैंप जाने के लिए दो तरह के परमिट की आवश्यकता होती है। एक खुंबू ग्राम पंचायत का परमिट और दूसरा सागरमाथा नेशनल पार्क में एंट्री करने का परमिट। ग्राम पंचायत का परमिट 2000 नेपाली रुपए में जबकि नेशनल पार्क का परमिट 1500 नेपाली रुपए में मिलता है। यदि आप किसी एजेंसी के माध्यम से जा रहे हैं, तो एजेंसी आपके लिए अपने आप परमिट ले लेगी। यदि आप एजेंसी के बिना जा रहे हैं तो लुकला से आगे मोंजो के पास बने काउंटर से आप फीस का भुगतान करके हाथोंहाथ परमिट ले सकते हैं। नेशनल पार्क वाला परमिट काठमांडू से भी मिल जाता है।

कौन-सा समय सर्वोत्तम?

एवरेस्ट बेसकैंप जाने का सर्वोत्तम समय मार्च से मई और सितंबर से नवंबर तक है। दिसंबर से फरवरी तक यहां खूब हिमपात होता है और ठंड चरम पर होती है। उधर जून से अगस्त तक मानसून का समय होता है और खूब बारिश होती है।

क्या रखें सावधानियां?

1. यदि आपको ट्रैकिंग का अनुभव नहीं है तो एवरेस्ट बेसकैंप बिल्कुल भी न जाएं।

2. लगभग पूरे नेपाल में भारतीय रुपया चलता है, लेकिन बेसकैंप का इलाका काफी रिमोट है और कई बार भारतीय रुपया नहीं चलता। इसलिए अपने साथ पर्याप्त नेपाली मुद्रा भी अवश्य रखें।

3. यहां दोपहर बाद बारिश रोज ही होती है, इसलिए अपने साथ सूखे कपड़े और रेनकोट अवश्य रखें।

4. इस ट्रैक पर भोजन अत्यधिक महंगा है। एक प्लेट दालभात 1000 नेपाली तक में मिलेगा। रोटी आसानी से नहीं मिलती।

5. लगभग पूरे ट्रैक में नेपाली नेटवर्क आता है। भारतीय नेटवर्क भी आता है, लेकिन उसमें इंटरनेशनल रोमिंग लगती है। बेहतर यही होगा कि आप नेपाली सिम ले लें।

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