मध्य प्रदेश / कांग्रेस के कुणाल के बाद अब भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा संक्रमित, राज्यसभा में वोट करने वाले विधायक हॉस्पिटल पहुंचे, टेस्ट कराया
भोपाल. कांग्रेस के विधायक कुणाल चौधरी के बाद अब भाजपा के विधायक ओमप्रकाश सकलेचा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। एक दिन पहले राज्यसभा में वोट करने आए सकलेचा के पॉजिटिव होने की खबर मिलते ही उनके संपर्क में आने वाले भाजपा के विधायक सुबह से ही भोपाल के जेपी अस्पताल पहुंचने लगे। सुबह विधायक देवीलाल धाकड़, यशपाल सिंह सिसोदिया और दिलीप सिंह मकवाना ने कोरोना का टेस्ट कराया। यहां अस्पताल पहुंचने के बाद वे बोले- ऐहतियात के लिए जांच कराई है। वोटिंग के दौरान वह सकलेचा के साथ थे।
दो दिन से साथ में ही रह रहे
विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि वे बीते दो दिन से ओमप्रकाश सकलेचा के साथ ही हैं। शुक्रवार को वोटिंग साथ में की थी। इससे एक दिन पहले करीब 14 विधायकों के साथ मिलकर खाना भी खाया था। सकलेचा भी उनके साथ ही थे। हम तीनों ही सावधानी के लिए टेस्ट कराने आए हैं। उनके संपर्क में आने वाले सभी विधायकों को भी कोरोना टेस्ट कराना चाहिए।
16 जून से भोपाल में एक फार्म हाउस में रह रहे
विधायक सकलेचा की जो हिस्ट्री सामने आई है, उसके अनुसार जावद में इनके निवास के पास एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद विधायक अपनी पत्नी के साथ फार्म हाउस में रहने चले गए थे। फार्म हाउस में रहने के दौरान ये लोगों से मिलते रहे और कई कंटेनमेंट एरिया में भी गए। इसके बाद 16 जून को भोपाल आ गए। लापरवाही की बात ये है कि इस दौरान प्रशासनिक अमले ने न तो उनका सैंपल लिया और न ही उन्हें कंटेनमेंट एरिया में जाने से रोका।
सीसीटीवी फुटेज निकाल रहे
नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा कोरोना की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। विधायक सकलेचा कई लोगों से मिले थे और राज्यसभा चुनाव से पहले हुई भाजपा की मीटिंग में शामिल हुए थे। भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा के कोरोना पॉजिटिव निकलने की सूचना के बाद विधानसभा सचिवालय ने राज्यसभा चुनाव में मतदान के फुटेज निकालने के निर्देश दिए हैं।
नो-कोविड कॉन्टेक्ट डिक्लेरेशन
राज्यसभा चुनाव के पहले ड्यूटी में लगाए गए कर्मचारियों के साथ विधायकों को भी ‘नो-कोविड कॉन्टेक्ट डिक्लेरेशन देना अनिवार्य था। अगर कोई कोविड कॉन्टेक्ट निकलता है, तो उनकी पूरी जांच की जाएगी। ऐसे विधाकयों के लिए मतदान करने की अलग से व्यवस्था की तैयारी थी। कहा गया था कि यह पूरी कवायद कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए की गई।