ऐसे हुई गैंगस्टर की गिरफ्तारी / सरेंडर के मकसद से विकास दुबे उज्जैन आया, महाकाल मंदिर में वीआईपी दर्शन की पर्ची कटवाई और उस पर सही नाम लिखवाया
उज्जैन. कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसवालों की शूटआउट में हत्या के बाद फरार हुआ विकास दुबे गुरुवार को नाटकीय तरीके से पुलिस की गिरफ्त में आ गया। एक दिन पहले ही यह खबरें आई थीं कि वह फरीदाबाद के एक होटल में कमरा लेकर रुका था। इसके सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए थे, लेकिन इसके बाद गुरुवार सुबह वह उज्जैन पहुंचा और सरेंडर के इरादे से ही वह महाकाल मंदिर में गया। उज्जैन पुलिस के सूत्रों ने भास्कर को बताया कि विकास दुबे यूपी पुलिस के एनकाउंटर से बचने के लिए उज्जैन आया था।
250 रुपए की पर्ची कटवाई
गुरुवार सुबह करीब 9 बजे के बीच नीली धारियों वाली टीशर्ट पहने और मास्क लगाए एक आदमी शंख द्वार वाले वीआईपी दर्शन के टिकट काउंटर पर गया। वहां उसने वीआईपी दर्शन के लिए 250 रुपए की पर्ची कटवाई। उसे पता था कि उसकी तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं और मंदिर में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के अलावा उज्जैन पुलिस भी तैनात है। इसके बावजूद पर्ची पर उसने अपना नाम विकास दुबे ही लिखवाया और मोबाइल नंबर भी दिया।
इसके बाद वह प्रसाद की एक दुकान पर पहुंचा और कहा कि वह अपना बैग रखना चाहता है। बैग रखने के बाद वह महाकाल मंदिर के नई टनल वाले एक नंबर गेट से पर्ची दिखाकर दाखिल हुआ। अंदर जाने के दौरान एक सिक्योरिटी गार्ड को शक हुआ। उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखे। तब तक विकास महाकाल के दर्शन कर चुका था। पुलिस उसकी लोकेशन देखकर मंदिर के अंदर दाखिल हुई और उसे हिरासत में ले लिया।
दो घंटे पूछताछ के बाद पुलिस को यकीन हुआ
जब पुलिस उसे बाहर लेकर आ रही थी तो उसने चिल्लाकर बोला- मैं ही विकास दुबे हूं। कानपुर वाला। इसके बाद पुलिस उसे गाड़ी में बैठाकर थाने ले गई। उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की। पुलिस पूरी तरह से यह कन्फर्म कर लेना चाहती थी कि इतनी आसानी से गिरफ्त में आया आदमी विकास दुबे ही है। जब पुलिस को यकीन हो गया तो सुबह 10 बजे के करीब खबरें आईं कि विकास दुबे को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट किया।
मामले में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 5 लाख के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी हो गई है। अभी वह पुलिस की कस्टडी में है। अभी गिरफ्तारी कैसे हुई, इसके बारे कुछ भी कहना ठीक नहीं है। वह क्रूरता की हदें पार कर रहा था। इंटेलीजेंस की बात है- ज्यादा कुछ भी कहना सही नहीं है। वारदात होने के बाद से ही हमने पूरी मप्र पुलिस को अलर्ट पर रखा था।
गुरुवार को विकास के दो गुर्गे भी मारे गए
इससे पहले गुरुवार को विकास के दो करीबी प्रभात मिश्रा और बऊआ उर्फ प्रवीण मारे गए। प्रभात को पुलिस ने बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ले जा रही थी। रास्ते में प्रभात ने भागने की कोशिश की, उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया। दूसरी ओर विकास गैंग के ही बऊआ दुबे उर्फ प्रवीण को पुलिस ने इटावा में मार गिराया। दोनों बदमाश 2 जुलाई को बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल थे
7 दिन में विकास दुबे गैंग के 5 बदमाशों का एनकाउंटर
पुलिस ने बुधवार को ही विकास के करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर कर दिया था। अमर हमीरपुर में छिपा था। अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। विकास की तलाश में यूपी के अलावा दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान पुलिस अलर्ट है। विकास मंगलवार को फरीदाबाद के एक होटल में देखा गया था, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही फरार हो गया।