राजद और कांग्रेस को छोड़ थर्ड फ्रंट बना सकते हैं कुशवाहा राजद बोली-रालोसपा फैसला लेने के लिए स्वतंत्र
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी के बाद उपेंद्र कुशवाहा का भी महागठबंधन से मोह भंग हो चुका है। वे अगले एक-दो दिनों में महागठबंधन छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। गुरुवार को रालोसपा ने बैठक बुलाई है और इसमें पार्टी आगे की रणनीति तैयार करेगी। इस बैठक में रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के साथ पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने नए विकल्प पर होमवर्क करना शुरू कर दिया है। बैठक के बाद कुशवाहा बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
कुशवाहा के महागठबंधन छोड़ने पर रालोसपा के प्रधान महासचिव माधव आनंद का कहना है कि राजद और कांग्रेस की नीयत ठीक नहीं है। चुनाव सिर पर है और अब तक सीट को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। ऐसे में पार्टी अलग विकल्प के लिए स्वतंत्र है। हम गठबंधन से अलग होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी राजद और कांग्रेस की होगी। बता दें कि पिछले दिनों कुशवाहा ने तेजस्वी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में भी सीटों को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि तेजस्वी के रुख के चलते महागठबंधन के नेताओं में नाराजगी है।
अचानक क्यों नाराज हो गए कुशवाहा?
तेजस्वी ने उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका देते हुए रालोसपा के कार्यकारी उपाध्यक्ष कामरान को राजद में शामिल करा लिया। वे आधी रात को राजद में शामिल हो गए। पार्टी तोड़ने के चलते कुशवाहा तेजस्वी से काफी नाराज हैं और यही वजह है कि उन्होंने गुरुवार को रालोसपा की इमरजेंसी बैठक बुलाई है।
महागठबंधन से कुशवाहा के अलग होने को लेकर उठ रहे सवाल पर राजद ने पलटवार किया है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि अगर फिर से कुशवाहा की अंतरात्मा जाग रही है तो फिर क्या किया जाए। वे अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। राजद हमेशा सबको साथ लेकर चलना चाहती है।
थर्ड फ्रंट बना सकते हैं उपेंद्र
कुशवाहा महागठबंधन छोड़कर एनडीए में जाएं, यह बात लगभग नामुमकिन है। ऐसे में उनके पास दो विकल्प बचता है वे या तो अकेले चुनाव लड़ सकते हैं या थर्ड फ्रंट बना सकते हैं। मुमकिन है कि वे जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ें। हालांकि, इस बारे में पार्टी की तरफ से अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है।